बिहार विधानसभा से पहले हो सकता है बड़ा उलटफेर, NDA में मांझी इन, चिराग आउट ?

बिहार विधानसभा से पहले हो सकता है बड़ा उलटफेर, NDA में मांझी इन, चिराग आउट ?

Patna: बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच संभावनाओं की सियासत आगे बढ़ रही है. सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) पर एनडीए के सहयोगी लोजपा ही कोरोना के बहाने हमला बोल रही है तो वहीं महागठबंधन के अहम घटक नीतीश के समर्थन में खड़े होते नजर आ रहे हैं. दरअसल तेजी से बदल रही बिहार की राजनीति में जीतन राम मांझी (Jeetan Ram Manjhi) की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (Ham) नीतीश कुमार के समर्थन में तब खड़ी हो गई है जब लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान (Chirag paswan) की तरफ से कोरोना को लेकर मुख्यमंत्री पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं.

हम प्रवक्ता दानिश रिजवान ने चिराग पर हमला बोलते हुए खुल कर सीएम नीतीश कुमार के कोरोना को लेकर किए जा रहे कार्यों की तारीफ की है. हम प्रवक्ता ने चिराग पर हमला बोलते हुए कहा कि विपत्ति के समय भी राजनीति कर रहे हैं. बचकानी हरकत छोड़ दें चिराग. नीतीश कुमार क़ोरोना से मजबूती से लड़ रहे हैं. दानिश ने कहा कि चिराग को नीतीश कुमार पर हमला बोलने की बजाय अपने बयानों पर लगाम लगानी चाहिए.

अब सवाल यह उठता है कि अचानक मांझी की पार्टी का झुकाव नीतीश कुमार के प्रति क्यों? क्या कोई नई राजनीति के संकेत तो नहीं. इस पर दानिश रिज़वान ने कहा कि सियासत संभावनाओं का खेल है, कब क्या हो जाए कौन जानता है? जाहिर है बिहार की सियासत में परिस्थितियां बहुत तेजी से बदल रही हैं. कौन सी पार्टी किस ओर जाएगी, कौन सा दल किस गठबंधन का हिस्सा बनेगा, इसकी तस्वीर साफ- साफ नहीं दिख रही है.

सूत्र बताते है की मांझी की पार्टी का नीतीश प्रेम कहीं कोई बड़े राजनीतिक खेल का इशारा कर रहा है. नीतीश रामविलास पासवान को बैलेंस करने के लिए दलित कार्ड के तौर पर मांझी को आगे कर सकते हैं इसकी आशंका लोजपा को भी है. इस पर जेडीयू नेता और सीएम नीतीश के करीबी माने जाने वाले बिहार सरकार के मंत्री जय कुमार सिंह ने भी चिराग पासवान पर हमला बोलते हुए कहा कि दिल्ली में बैठ कर बिहार के बारे में बोलना आसान है.


नीतीश के करीबी मंत्री ने कहा कि चिराग पासवान बिहार आकार कभी देखे हैं कि जनता किस परेशानी में है और उसकी मदद नीतीश सरकार कैसे कर रही है? मांझी जी जमीनी नेता हैं वो देख रहे हैं कि नीतीश जी बिहार की जनता की सेवा कैसे कर रहे है. मांझी की नज़दीकी पर खुल कर तो जय कुमार सिंह कुछ नहीं बोल रहे हैं, लेकिन इतना ज़रूर इशारा कर राजनीति गर्मा रहे हैं कि राजनीति में संभावनाएं कभी खत्म नहीं होती.

वहीं, दूसरी ओर खबर ये भी है कि जीतन राम मांझी को महागठबंधन में कोई खास तवज्जो नहींं मिल रही हैं जिससे मांझी परेशान हैं और सुरक्षित विकल्प की तलाश में हैं. ऐसे में सीएम नीतीश से नजदीक दिखना उनकी मजबूरी भी है. हालांकि ये दोनों ओर से है क्योंकि सीएम नीतीश भी मांझी जी के सहारे लोजपा को बैलेंस करने की कोशिश कर रहे हैं. जाहिर है अभी आने वाले दिनों में नये-नये कई सियासी दांव देखने को मिलेंगे.

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