सीट बंटवारे की धार मांझी के लिए बनी चुनौती, नीतीश 6 से ज्यादा सीट देने को तैयार नहीं

सीट बंटवारे की धार मांझी के लिए बनी चुनौती, नीतीश 6 से ज्यादा सीट देने को तैयार नहीं

Patna:महागठबंधन में अपनी डूबती नैया को निकालकर जीतन राम बजे मांझी भले ही नीतीश के पास पहुंच गए हो लेकिन सीट बंटवारे की धार में एक बार फिर वह फंसते नजर आ रहे हैं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की है एनडीए में मांझी की पार्टी को एडजस्ट करने का जिम्मा नीतीश के पास है. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने आखिरकार एक और सस्पेंस खत्म कर दिया। महागठबंधन छोड़ने को लेकर लंबे वक्त तक सस्पेंस बनाये रखने वाले मांझी को लेकर यह कयास लगाये जा रहे थे कि वे नीतीश के साथ एक बार फिर जा सकते हैं।

कयास सही साबित हुए हैं पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने आज सीएम नीतीश कुमार के घर पर उनसे मुलाकात की। बंद कमरे में हुई इस मुलाकात को लेकर जो अंदरखाने से खबर सामने आ रही है उसके मुताबिक मांझी ने नीतीश के सामने अपनी डिमांड भी रख दी है। ‘मांझी’ 16 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारना चाहते हैं लेकिन नीतीश के सामने उनकी जुबान 12 सीटों के लिए हीं खुली है।

कुछ सीटें ‘मांझी’ ने पहले से तय कर रखी है। मखदूमपुर, अतरी, बोधगया, शेरघाटी, आरा, नवादा, तरारी, खगड़िया, सुरसंड और पूर्णिया ये वो सीटे हैं जो मांझी नीतीश से चाहते हैं। उन्हें एनडीए में एडजस्ट करने की जिम्मेवारी नीतीश कुमार की हीं है इसलिए मांझी ने नीतीश के सामने अपनी डिमांड रखी है हांलाकि वे पूरी जुबान नहीं खोल पाए। वजह भी साफ है क्योंकि उनके पास बहुत विकल्प नहीं हैं, चुनाव सर पर है इसलिए किसी नये राजनीतिक ठिकाने में खुद को एडजस्ट कर लेना है और एडजस्टमेंट के लिए मांझी ने खेमा तय कर लिया वे जेडीयू के साथ चले गये हैं। हांलाकि ‘मांझी’ के हिस्से में 6 या उससे कम सीटें हीं आ रही है क्योंकि सीएम नीतीश कुमार मांझी की मजबूरी भी जानते हैं और मौजूदा वक्त में उनकी राजनीतिक हैसियत भी इसलिए 6 से ज्यादा सीटें वे मांझी को नहीं देने जा रहे।

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