बिहार में सृजन घोटाले के 3 साल पूरे, न कोई राशि वसूली और न मुख्य आरोपी पकड़े गए

बिहार में सृजन घोटाले के 3 साल पूरे, न कोई राशि वसूली और न मुख्य आरोपी पकड़े गए

Patna: सृजन घोटाले को उजागर हुए शुक्रवार को तीन साल हो गया। लेकिन अभी तक कार्रवाई आधी-अधूरी है। घोटाले की राशि की अभी तक वसूली नहीं हो पायी है। वहीं घोटाले के मुख्य आरोपी भी पकड़ से बाहर हैं। कार्रवाई की धीमी गति पर सवाल भी उठने लगे हैं।

बैंकों से सरकारी राशि की अवैध निकासी की जानकारी मिलने के बाद घोटाले की पहली प्राथमिकी नजारत शाखा ने सात अगस्त को दर्ज करायी थी। प्राथमिकी में बैंकों के अलावा सृजन महिला विकास सहयोग समिति के पदाधिकारियों को आरोपित किया गया था। पहली प्राथमिकी दर्ज होने के बाद विभागों में जांच के साथ घोटाले का भी खुलासा होता गया। भागलपुर के अलावा सहरसा और बांका जिले में भी घोटाले की आंच पहुंची। एजी की ऑडिट रिपोर्ट की मानें तो 1280 करोड़ रुपये से अधिक राशि की अवैध निकासी हुई। दो दर्जन से अधिक प्राथमिकियां दर्ज करायी जा चुकी हैं। सभी राशि सृजन महिला विकास सहयोग समिति के खाते में किसी न किसी तरीके से ट्रांसफर की गयी थी।

घोटाला उजागर होने के बाद से अमित और प्रिया फरार
घोटाला उजागर होने के बाद सरकारी महकमे में हड़कंप मच गया। पहले स्थानीय पुलिस, एसआईटी और बाद में सीबीआई को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गयी। सृजन महिला विकास सहयोग समिति लि. की तत्कालीन सचिव मनोरमा देवी के निधन के बाद कामकाज की देखभाल बहू प्रिया और पुत्र अमित को सौंपा गया। घोटाले में दोनों को मुख्य आरोपी बनाया गया है। लेकिन तीन साल से दोनों फरार हैं। सीबीआई द्वारा शहरी क्षेत्र के सभी मकानों पर नोटिस चिपकाया जा चुका है। 

दो एडीएम सहित अन्य अफसर जेल में
सूजन घोटाला में दो पूर्व एडीएम जयश्री ठाकुर और राजीव रंजन सिंह के अलावा तत्कालीन जिला कल्याण पदाधिकारी अरुण कुमार जेल में बंद हैं। इनके अलावा दो दर्जन से अधिक इंडियन बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा के अधिकारी, कर्मचारी, सरकारी कार्यालयों के पूर्व नाजिर आदि जेल में हैं। आरोपितों के लिए राहत की बात है कि को-ऑरेटिव बैंक के पूर्व प्रबंध निदेशक पंकज झा को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गयी है। झा को सुपौल से एसआईटी ने 19 अगस्त 2017 को गिरफ्तार किया था।

दो डीएम पर चार्जशीट, अन्य रडार पर
सृजन घोटाले में सीबीआई भागलपुर के पूर्व डीएम केपी रमैया और बीरेन्द्र कुमार यादव के अलावा पूर्व डीडीसी प्रभात कुमार सिन्हा के विरुद्ध कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। इनके अलावा सृजन से जुड़े शहरी क्षेत्र के आधा दर्जन अन्य लोगों पर भी चार्जशीट दाखिल हो चुकी है। अभी और अफसर और सृजन से जुड़े लोगों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *