सरकारी खाते से 11.73 करोड़ प्राइवेट खाते में RTGS कराने पहुंचा था शख्स, बैंक ने भेजा ईमेल तो खुला खेल

सरकारी खाते से 11.73 करोड़ प्राइवेट खाते में RTGS कराने पहुंचा था शख्स, बैंक ने भेजा ईमेल तो खुला खेल

Patna: बिहार में सरकारी खाते से 11.73 करोड़ की राशि प्राइवेट खाते में RTGS करने का प्रयास किया जा रहा था। लेकिन यह RTGS चेक के जरिए नहीं हो रहा था, इसलिए यह मामला संदेहास्पद नजर में था। बैंक ने RTGS फॉर्म पर किए हस्ताक्षर का मिलान नहीं हो पाने के कारण खाताधारक से जानकारी ली तो ईमेल के जरिए इसे फर्जी बताया गया। बैंक में यह RTGS कराने आए शख्स ने अपना परिचय चितकोहरा सब्जी बाजार में रह रहे शुभम गुप्ता के रूप में दिया था।

02 जनवरी को बैंक बंद होने के ठीक पहले आया था जालसाज
खुद को शुभम गुप्ता बताने वाला यह शख्स शनिवार 02 जनवरी को एग्जीबिशन रोड स्थित कोटक महिंद्रा बैंक की शाखा बंद होने के समय पहुंचा था। करीब 3:15 बजे। उसने सक्षम प्राधिकार भू-अर्जन सह जिला भू-अर्जन पदाधिकारी पटना और परियोजना निदेशक, NHAI प्रोजेक्ट इम्पलिमिंटेशन यूनिट गया NH 83 के संयुक्त खाते से एक प्राइवेट फर्म के खाते में तीन RTGS करने के लिए फॉर्म भरकर जमा किया।

NHAI के 3 लेटरहेड और जिला भू-अर्जन पदाधिकारी का फर्जी आधार दिया
इस शख्स ने RTGS के लिए तीन फॉर्म तो दिए ही, बैंक के भरोसे के लिए NHAI के 3 लेटरहेड और पटना के जिला भू-अर्जन पदाधिकारी पंकज पटेल के नाम से आधार कार्ड की कॉपी भी दी। NHAI का लेटरहेड तो फर्जी था ही, पंकज पटेल के चेहरे का मिलान करते हुए बनाया गया आधार कार्ड भी फर्जी था। UID नंबर भी गलत था।

RTGS फॉर्म पर बैंक मैनेजर का “OK to process” और हस्ताक्षर भी फर्जी
RTGS की प्रक्रिया कराने के लिए इस शख्स ने जो भरा हुआ फॉर्म दिया, उसपर “OK to process” मार्क करते हुए कोटक महिंद्रा बैंक के ब्रांच मैनेजर का हस्ताक्षर भी था। बैंक के अनुसार यह हस्ताक्षर फर्जी था और RTGS फॉर्म पर किए जिला भू-अर्जन पदाधिकारी के हस्ताक्षर का मिलान भी बैंक के रिकॉर्ड से नहीं हो पा रहा था। तो वहीं मिली जानकारी के अनुसार इसी कारण RTGS की प्रक्रिया करने वाले बैंककर्मी को शक हुआ और मामला पकड़ में आया।

तीन RTGS के जरिए 11,73,12,721 रुपए ट्रांसफर कराने आया था
बैंक को तीन अलग-अलग RTGS फॉर्म दिए गए थे। एक फॉर्म से 2 करोड़ 13 लाख, 45 हजार, 427 रुपए, दूसरे से 4 करोड़ 75 लाख 54 हजार 167 और तीसरे RTGS फॉर्म से 4 करोड़ 84 लाख 13 हजार 127 रुपए के ट्रांसफर का आवेदन किया गया था। तीनों ही फॉर्म में रकम को ICICI बैंक बोरिंग रोड शाखा के खाताधारी BS Enterprises के खाते में ट्रांसफर करने के लिए लिखा गया था।

जिला भू-अर्जन पदाधिकारी ने ऐसे किसी RTGS आवेदन से किया इनकार
पटना के जिला भू-अर्जन पदाधिकारी पंकज पटेल कोटक बैंक की शाखा से निकासी के लिए प्राधिकृत हैं, इसलिए बैंककर्मी ने चेक नहीं दिए जाने और RTGS फॉर्म के हस्ताक्षर के अपने रिकॉर्ड से मिलान नहीं होने पर उनसे संपर्क किया। भास्कर से बातचीत में जिला भू-अर्जन पदाधिकारी ने कहा कि बैंक शाखा में RTGS कराने के लिए किसी प्राइवेट व्यक्ति को भेजने की परंपरा नहीं है। उन्होंने बताया कि उनका आधार नंबर भी फर्जी है और फोटो भी मिलाते हुए लगाया गया है।

बैंक दिखाता तेजी तो बड़े नेटवर्क का पता चल सकता था, लेकिन…
पुलिस के सामने खुद को शकुराबाद, जहानाबाद का मूल निवासी बताने वाला शुभम कुमार गुप्ता पहली नजर में इस खेल का मोहरा ही नजर आ रहा है। गांधी मैदान में IPC की धारा 419, 420, 467, 468, 471 के तहत केस दर्ज होने के बाद जेल भेजे गए इस शख्स ने अबतक कुछ खुलासा नहीं किया है, लेकिन पुलिस अधिकारी इसमें बैंक की धीमी रफ्तार को भी दोषी मान रहे हैं। भास्कर की खबर ऑनलाइन आते ही DSP टाउन सुरेश चौधरी इस मामले की जांच करने खुद गांधी मैदान थाना पहुंचे। भास्कर से बातचीत में उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच कर रहे हैं। तह में जाने के बाद ही पूरी स्थिति स्पष्ट होगी।

Source: Danik Bhaskar

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