जाप सुप्रीमो पप्पू यादव को फ‍िर लगा कोर्ट से झटका, जमानत अर्जी खारिज, जेल में ही रहेंगे

जाप सुप्रीमो पप्पू यादव को फ‍िर लगा कोर्ट से झटका, जमानत अर्जी खारिज, जेल में ही रहेंगे

पटना: 32 वर्ष पुराने अपहरण के एक मामले में गिरफ्तार जाप सुप्रीमो सह पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव के जमानत की अर्जी पर मंगलवार को मधेपुरा कोर्ट में सुनवाई हुई। जिला जज ने वर्चुअल सुनवाई करते हुए अपना निर्णय काफी देर तक सुरक्षित रखा। जिला जज ने ढाई बजे अपना निर्णय सुनाते हुए उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया। जबकि10 बजे सुनवाई हो गई थी।

इससे पहले 29 मई को भी जमानत पर सुनवाई हुई थी। उस दिन एक जून का डेट दिया गया था। वहीं 27 मई को हुई सुनवाई में पप्पू यादव का बेल रिजेक्ट हो गया है। मधेपुरा कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान सीजेएम प्रथम अनुप कुमार सिंह ने जानकारी के बावजूद कोर्ट में हाजिर नहीं होने के मामले को गंभीरता से लेते हुए पूर्व सांसद का बेल रिजेक्ट कर दिया है। बेल पिटिशन के लिए पूर्व सांसद के अधिवक्ता मनोज कुमार अम्बष्ठ व सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता मनन कुमार मिश्रा ने अपना पक्ष रखा था।

मालूम हो कि जाप सुप्रीमो सह मधेपुरा के पूर्व सांसद पप्पू यादव को अपहरण के एक 32 साल पुराने मामले में कोर्ट ने जेल भेज दिया था। पप्पू यादव पर वर्ष 1989 में सूचक शैलेंद्र यादव ने मुरलीगंज थाना में राम कुमार यादव तथा उमाशंकर यादव के अपहरण किए जाने का मामला दर्ज करवाया था। इसी मामले में पटना पुलिस ने 12 मई को उन्हें गिरफ्तार किया था। इसके बाद मधेपुरा पुलिस ने उन्हें यहां लाया।

कोर्ट में सुनवाई के बाद उन्हें बीरपुर जेल भेज दिया गया है। जहां पूर्व सांसद की तबीयत खराब होने के कारण दरभंगा इलाज के लिए भेज दिया गया था। उनकी गिरफ्तारी के बाद जाप कार्यकर्ता लगातार आंदोलन कर रहे हैं। कार्यकर्ताओं का कहना है कि पूर्व सांसद ने राजीव प्रताप रूढ़ी द्वारा छिपाए गए एंबुलेंस प्रकरण को उठाया था, जो पूरे देश में चर्चा में रहा। इसके बाद 32 वर्ष पूर्व एक अपहरण के मामले में पुलिस ने पटना से उनको गिरफ्तार कर लिया।

आपको बता दें कि पप्पू यादव की अविलंब रिहाई के लिए सोमवार को जाप कार्यकर्ताओं ने मौन मार्च निकाला। मार्च स्थानीय विद्यापति भवन से शुरू होकर इनकम टैक्स चौराहा के जय प्रकाश नारायण की मूर्ति तक गया। इस दौरान जाप नेता हाथों में रिहाई की मांग वाली तख्तियां लिए हुए थे और मुंह पर काली पट्टी बांध रखी थी। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राघवेन्द्र सिंह कुशवाहा ने कहा कि पप्पू यादव की रिहाई नहीं हुई तो 5 जून को सम्पूर्ण क्रांति दिवस के अवसर पर एक दिवसीय ‘सम्पूर्ण उपवास’ रखा जाएगा। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रेमचंद सिंह ने कहा कि राज्य सरकार हमलोगों के सब्र का इम्तिहान न लें। हमारा धैर्य अब जवाब दे रहा है। हमारे साथी उग्र हुए तो इसकी पूरी जवाबदेही राज्य सरकार की होगी।

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