Patna: बिहार विधानसभा आम चुनाव में बिहार के 27 प्रत्याशी पूर्व प्रत्याशियों के चुनाव लड़ने पर तीन वर्षो के लिए रोक लगायी है। इन सभी प्रत्याशियों की समय-सीमा 2021 और 2022 तक के लिए नियत की गयी है। इन प्रत्याशियों पर चुनाव के बाद चुनाव आयोग को चुनाव खर्चे का ब्यौरा उपलब्ध नहीं कराए जाने के कारण यह कार्रवाई की गयी है। आम चुनावों में जो प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरते हैं, उन्हें चुनाव के बाद चुनाव में किए गए खर्चो का ब्यौरा देना जरूरी है।
इन पूर्व प्रत्याशियों ने चुनाव खर्चो का ब्यौरा नहीं देने का कोई वास्तविक कारण भी आयोग को नहीं बताया। आयोग के सूत्रों ने बताया कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा (क) के तहत यदि कोई व्यक्ति चुनाव परिणाम आने के 30 दिनों के अंदर चुनावी खर्च का ब्यौरा नहीं देता या ब्यौरा नहीं देने का कोई स्पष्ट कारण नहीं बता पाता है तो चुनाव आयोग उसके अगले तीन वर्षो तक चुनाव लड़ने पर रोक लगा सकता है।
आयोग द्वारा जारी सूची के अनुसार अलीनगर के अनंत कुमार (7.10.2021 तक), केवटी के विजय कुमार (7.10.2021 तक) व अशोक कुमार झा (19.9.2021 तक), खगड़िया की बबिता देवी (7.10.2021 तक), कुशेश्वर स्थान (सु) के तुरंती सदा (17.08.21 तक), बेनीपुर के तारांकात झा (17.8.2021 तक) व जितेंद्र पासवान (17.8.2021 तक), हायाघाट के मो. अरशद (17.8.2021 तक) और रामसखा पासवान (17.8.2021 तक), पातेपुर के लखींद्र पासवान (17.8.2021 तक), परबत्ता के सतीश प्रसाद सिंह (17.8.2021 तक), गायघाट के रघुनंदन प्रसाद सिंह (19.9.2021 तक), व रानी सिंह (19.9.2021 तक), हथुआ के संजय कुमार मौर्या (19.9.2021 तक), व फारूख खान (19.9.2021 तक), कुम्हरार के सुबोध कुमार (19.9.2021 तक), कुटुंबा के रंजीत कुमार (19.9.2021 तक), औरंगाबाद के संजीत कुमार चौरसिया (19.9.2021 तक) व यशंवत लाल सत्यार्थी (19.9.2021 तक), कुढ़नी के सुरजीत सुमन उर्फ सुरजीत कुमार (18.1.22 तक) व अशरफ सानी (18.1.22 तक), अभय कुमार (18.1.22 तक), पूजा कुमारी (18.1.22 तक), कुमार विजय (18.1.22 तक), भोरे (सु) की जानकी देवी (18.1.22 तक) व शरमा देवी (18.1.22 तक), तथा बेलदौर बिंदू देवी (18.1.22 तक) चुनाव लड़ने पर रोक लगायी गयी है।