लालू यादव के MY समीकरण वाले सोच के साथ चुनाव में उतरेंगे ओवैसी, कई पार्टियों को होगा नुकसान

लालू यादव के MY समीकरण वाले सोच के साथ चुनाव में उतरेंगे ओवैसी, कई पार्टियों को होगा नुकसान

Patna: बिहार चुनाव से पहले एआइएमआइएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं समाजवादी जनता दल के अध्यक्ष देवेंद्र प्रसाद यादव से हाथ मिलाकर राजद के मुस्लिम-यादव (माय) समीकरण पर नजर गड़ा दी है। दोनों नेताओं ने नया गठबंधन बनाया है, जिसका यूनाइटेड डेमोक्रेटिक सेक्युलर एलायंस (यूडीएसए) रखा है। ओवैसी ने पहले ही बिहार में 50 सीटों पर चुनाव लडऩे का ऐलान कर दिया है। पटना में शनिवार को ओवैसी एवं देवेंद्र ने संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर गठबंधन के तहत अपना उम्मीदवार उतारने का एलान किया है।

चुनाव में भाजपा विरोधी दलों के वोट में सेंध लगाने के सवाल पर ओवैसी ने कहा कि हम वोट काटने के लिए खड़े नहीं होते हैं। लोकसभा चुनाव में हमारे कारण ही किशनगंज से कांग्रेस चुनाव जीती है। अगर हम वहां से उम्मीदवार नहीं उतारते तो वोट भाजपा को मिलता।

बिहार में महागठबंधन को खारिज किया

राजद द्वारा तरजीह नहीं दिए जाने के बारे में ओवैसी ने पलटवार किया और कहा कि जनता सब देख रही है। लोकसभा चुनाव में राजद को एक भी सीट नहीं मिली, जबकि हमारी पार्टी ने विधानसभा उपचुनाव में एक सीट पर जीत दर्ज की थी। ओवैसी ने बिहार में महागठबंधन को खारिज किया और कहा कि राजद को गलतफहमी है कि जनता का वोट उसका है। वोटर किसी पार्टी के नहीं होते। हम बिहार में एक नया गठबंधन बना रहे हैं। आज देवेंद्र यादव आए हैं। कल और भी कई दल शामिल होंगे। बातचीत चल रही है। हम परस्पर सहमति से तय करेंगे कि कौन कितनी सीटों पर प्रत्याशी उतारेगा।

नीतीश कुमार और बीजेपी पर साधा निशाना

ओवैसी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी निशाने पर लिया और कहा कि उन्होंने 15 वर्षों के कार्यकाल में जनता को धोखा दिया है। कभी इधर तो कभी उधर आते-जाते रहे हैं। ओवैसी ने कहा कि हमें वोट कटवा कहने वाले दलों को किशनगंज उपचुनाव का नतीजा देखना चाहिए, जहां हमारे प्रत्याशी ने भाजपा को हराया है। हैदराबाद में मैं खुद ही भाजपा को हराता आया हूं। महाराष्ट्र के औरंगाबाद में हमारी पार्टी ने शिवसेना के 25 साल पुराने सांसद को हराया।

बिहार बेहाल है

देवेंद्र प्रसाद ने कहा कि बिहार में विपक्ष निष्क्रिय है। तीन दशकों से चीनी और जूट मिलें बंद हैं। बेरोजगारी बढ़ रही है। रोजी-रोटी के लिए लोग पलायन कर रहे हैं। किसानों का हाल बेहाल है।

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