ग्रामीणों ने नेहा सिंह राठौर के ट्वीट पर कहा कि सस्ती लोकप्रियता के लिए कुछ भी सही नहीं है

ग्रामीणों ने नेहा सिंह राठौर के ट्वीट पर कहा कि सस्ती लोकप्रियता के लिए कुछ भी सही नहीं है

Desk: भोजपुरी गायिका नेहा सिंह राठौर ने अपने गांव की स्थिति के संबंध में ट्वीट किया था कि यहां कोरोना से सात लोगों की मौत हो चुकी है। उन्होंने गांव में कोरोना के मामले या इससे मौत नहीं होने के प्रशासन के दावे पर शुक्रवार को फिर कहा कि जिनकी मौत हुई है उनके बारे में बता चुकी हूं। रही बात स्वास्थ्य विभाग के दावे की तो 800 लोगों के गांव में 36 की ही जांच क्यों? गांव में आज भी लोग बीमारी को डर से छिपाते हैं। इसलिए प्रशासन लीपापोती कर रहा है। बीडीओ ने तीन लोगों के संक्रमण के बाद ठीक होने की बात कही, अगर जानकारी सही होती तो इसमें नेहा की मां का भी नाम होता, क्योंकि वे ठीक हो चुकी हैं। कैमूर के जंदाहा में कोरोना से मौत को ग्रामीणों ने नकार दिया है। उनका कहना है कि जिन मौतों का जिक्र किया जा रहा है, वे स्वाभाविक या अन्य कारणों से हैं।

इधर, कुछ ग्रामीणों ने नेहा के ट्वीट पर नाराजगी जताते हुए कहा कि सस्ती लोकप्रियता के लिए कुछ भी कह देना सही नहीं है। स्वास्थ्य विभाग की टीम गुरुवार को जांच के लिए गांव गई थी। जिन सात लोगों की मौत कोरोना से होने का दावा किया गया, उनमें तीन हार्ट व एक कैंसर से पीडि़त थे। इस गांव में मेडिकल टीम दो बार जांच के लिए गई। पहली बार 50 व दूसरी बार 36 लोगों की जांच हुई, लेकिन किसी जांच में कोई पॉजिटिव नहीं मिला। यहां पचास लोगों को टीका भी लग चुका है।

हार्ट अटैक व लू लगने से मौत
गामा सिंह के भतीजे श्री नारायण सिंह ने कहा कि मेरे चाचा की मौत मौत कोरोना से नहीं, हार्ट अटैक व लू लगने से हुई। वे 80 वर्ष से अधिक उम्र पार कर चुके थे। उन्हें प्रयागराज से लेकर आए, उनका पेसमेकर बंद हो गया था। ट्विटर व फेसबुक से बिना तथ्य के अनर्गल बात नहीं रखनी चाहिए। समाज इसकी इजाजत नहीं देता।

अनर्गल तथ्य इंटरनेट मीडिया पर न करें शेयर
डॉ. राजेंद्र सिंह ने कहा कि गांव में कोरोना से किसी की मौत नहीं हुई है। दो लोग संक्रमित हुए थे, जिसमें एक मेरी बेटी माधुरी थी, जो काफी पहले ही स्वस्थ हो गई। अब किसी तरह का मामला भी नहीं दिखाई दे रहा है। अनर्गल तथ्य इंटरनेट मीडिया पर नहीं शेयर करना चाहिए। यह गलत है।

अलग-अलग कारणों से हुआ निधन
डॉ. महेंद्र सिंह ने कहा कि गांव में इस दौरान जिनलोगों की मृत्यु हुई है, वे या तो स्वभाविक मृत्यु को प्राप्त हुए हैं या अलग-अलग कारणों से निधन हुआ है। उम्र भी काफी हो चुकी थी। किसी की भी मृत्यु कोरोना से होने की पुष्टि नहीं हुई है।

जंदाहा में कोरोना से एक भी मौत नहीं
इलाके के सोनू तिवार ने कहा कोरोना से जंदाहा गांव में एक भी व्यक्ति की मृत्यु नहीं हुई है। वे बीमार थे या उम्र के बाद स्वाभाविक मौत हुई। जब कोरोना जांच की नौबत ही नहीं आई तो कैसे कह सकते हैं कि मौत कोरोना से हुई। नेहा ने जो कुछ भी गांव में कोरोना से संबंधित लिखा है, वह सरासर गलत है।

दो बार मेडिकल टीम भेज कराई जांच
प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) प्रदीप कुमार ने कहा कि आपदा को अवसर में बदलने की कोशिश अच्छी बात नहीं है। वहां दो-दो बार मेडिकल टीम भेज कर जांच कराई गई है। वहीं सिविल सर्जन मीना कुमार ने कहा कि जो आंकड़ा है, वह रेफरल अस्पताल में ही है। अस्पताल से जो जानकारी दी गई है, वह सही है। रेफरल अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सुरेंद्र सिंह ने कहा कि जंदाहा में कोरोना से किसी की मौत नहीं हुई है। वहां जांच की गई है, ऐसा कोई मामला नहीं पाया गया।

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