बिहार में 32 सीटों पर चुनाव लड़ेगी AIMIM, ओवैसी की पार्टी ने किया ऐलान

बिहार में 32 सीटों पर चुनाव लड़ेगी AIMIM, ओवैसी की पार्टी ने किया ऐलान

Patna: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) पार्टी ने बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर बड़ा ऐलान किया है. असदुद्दीन की पार्टी बिहार विधानसभा की 243 में से 32 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. इस बात की जानकारी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी है. इसके साथ ही ओवैसी की पार्टी ने विधानसभा चुनाव के लिए अब अपना बिगुल फूंक दिया है.

इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमाम ने बिहार विधानसभा की 243 में से 32 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है, साथ ही एआईएमआईएम ने ये भी कहा है कि वह समान विचारधारा वाली पार्टी से गठबंधन करने को भी तैयार है.

अख्तरुल इमाम ने कहा कि हमारी पार्टी का गठबंधन किनसे होगा और इसका स्वरूप क्या होगा? इसको लेकर कई पार्टियों से बातचीत जारी है और जल्द ही पार्टी की बाकी सीटों की घोषणा भी कर दी जाएगी.

बता दें कि बिहार विधानसभा में AIMIM का एक विधायक है. कमरुल होदा ने पिछले साल किशनगंज सीट पर हुए उपुनाव में जीत हासिल की थी. विधानसभा चुनाव लड़ने के एेलान के साथ ही बुधवार को एआईएमआईएम बिहार के 22 जिले के 32 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव लड़ने की पहली सूची जारी की है.

इन सीटों पर चुनाव लड़ेगी ओवैसी की पार्टी….

-कटिहार में तीन-बलरामपुर, बरारी और कदवा

-पूर्णिया में दो- अमौर और बायसी

-अररिया में जोकीहाट

-दरभंगा में केवटी

-समस्तीपुर

-मधुबनी में दो- बिस्फी और झंझारपुर

-मुजफ्फरपुर में दो बौचहा(आरक्षित) और साहेबगंज

-वैशाली में महुआ

-पश्चिम चंपारण में दो- बेतिया और रामनगर (आरक्षित)

-मोतिहारी में दो- ढाका और नरकटियागंज

-सीतामढ़ी में दो- परिहार और बाजपट्टी

-पटना में फुलवारी (आरक्षित)

-सिवान में दो- रघुनाथपुर और दरौंधा

गोपालगंज में बरौली

-बेगूसराय में साहेबपुरकमाल

-भागलपुर में कहलगांव

-खगड़िया में सिमरी बख्तियारपुर

-आरा में एक शाहपुर विधानसभा

-जहानाबाद में मखदुमपुर

-गया में दो- इमामगंज और वजीरगंज

-औरंगाबाद

-कैमूर में चैनपुर

AIMIM मांगे 40 साल का हिसाब

अख्तरुल ने कहा कि इस बार बिहार में जो चुनाव होने जा रहा है वह अन्य पार्टियों के लिए 15 साल लालू सरकार बनाम 15 साल नीतीश सरकार का है. लेकिन AIMIM का मानना है कि 15 साल और 15 साल यानी 30 साल का ही नहीं बल्कि 40 साल कांग्रेस ने जो पूरे मुल्क और बिहार में हुक्मरानी की है उसका भी हिसाब-किताब उसे अवाम को देना पड़ेगा.

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