Desk: बिहार में कम हो रहे कोरोना केस को देखते हुए आखिरकार सरकार ने शैक्षणिक संस्थानओं को खोलने की तैयारी शुरु कर दी हैं। राज्य के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने अपने ट्विटर के जरिए ये जानकारी दी है कि सूबे में जुलाई के महीने से तमाम शैक्षणिक संस्थानओं को खोल दिया जाएगा।
शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने अपने ट्विटर पर लिखा है कि मौजूदा समय की तरह ही अगर कोरोना से हालात ऐसे ही सुधरते रहे तो जुलाई से शैक्षणिक संस्थान अपनी सामान्य क्लास फिर से शुरू कर सकते हैं। हालांकि उन्हें कोविड सुरक्षा प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करना होगा।
दरअसल शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने मीडिया से बातचीत के दौरान ये जानकारी देते हुए कहा कि सरकार कोरोना वायरस के कारण कक्षाओं के नुकसान की भरपाई के लिए जल्द ही विशेष उपाय शुरू करेगी। जब स्कूल फिर से खुलेंगे, तो नियमित कक्षाएं शुरू होने से पहले छात्रों की मदद के लिए कुछ क्रैश कोर्स आयोजित किए जाएंगे।
साथ ही उन्होंने कहा कि सच कहूं तो शिक्षा का ऑनलाइन तरीका सामान्य कक्षा शिक्षण की जगह नहीं ले सकता। बड़ी संख्या में छात्रों के पास अभी भी स्मार्टफोन या टैबलेट नहीं है, जिसके चलते सब तक इसका फायदा नहीं पहुंच पाया है।
तो वहीं उन्होंने बताया कि अगले तीन महीनों के भीतर प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में लगभग 1।25 लाख शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी और अगले चरण में 30,000 अन्य शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। इसके अलावा, बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग की तरफ से कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में सहायक प्रोफेसरों के 4,500 से अधिक पदों का विज्ञापन दिया गया है। जहां तक विश्वविद्यालयों में गैर-शिक्षण कर्मचारियों की कमी का सवाल है, सरकार ने उनकी नियुक्ति के लिए एक अलग आयोग का गठन करने का फैसला पहले ही कर लिया है।