बिहार में सामने आया एंबुलेंस घोटाला, पूर्व मंत्री बोले- 8 लाख की गाड़ी 21 लाख में खरीदी

बिहार में सामने आया एंबुलेंस घोटाला, पूर्व मंत्री बोले- 8 लाख की गाड़ी 21 लाख में खरीदी

पटना: अभी भाजपा नेता राजीव प्रताप रुडी से जुड़ा एंबुलेंस छिपाए जाने का मामला पूरी तरह शांत भी नहीं हुआ है कि बिहार में एक और एंबुलेंस घोटाला का मामला प्रकाश में आया है। पूर्व मंत्री विक्रम कुंवर ने एमएलए और एमएलसी फंड से दिए गए एंबुलेंस में घोटाले का आरोप लगाया है। विक्रम कुंवर ने दावा किया है कि 7 से 8 लाख की एंबुलेंस 21 से 22 लाख में खरीदी गई है। इस मामले का दस्तावेज दिखाते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जांच की मांग की है।

विक्रम कुंवर ने दावा किया कि ये एम्बुलेंस गवर्नमेंट ई–मार्केट प्लेस (Government E-Market place) यानी GEM पोर्टल से खरीदने के बजाय किसी अन्य संस्था से खरीदी गई है। एंबुलेंस और अन्य सामान (जो एम्बुलेंस में लगता है) का ज्यादा मूल्य बढ़ा कर लिखा गया है और उसकी राशि निकाल ली गई है। विक्रम कुंवर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ ही निगरानी विभाग के प्रधान सचिव समेत अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों को पत्र लिखकर एंबुलेंस खरीदारी में पद का दुरुपयोग करते हुए सुनियोजित षड्यंत्र के तहत सरकारी राशि की क्षति करने का आरोप लगाया है।

भाजपा ने कही यह बातइंस मुद्दे पर बीजेपी MLC टुन्ना पांडे ने कहा कि हमारा काम सिर्फ अनुशंसा करना होता है और अगर इसमें घोटाले की बात सामने आ रही है तो जांच की जाएगी। इस मामले में बीजेपी प्रवक्ता संजय मयूख ने कहा कि बिहार में सुशासन की सरकार है और क़ानून अपना काम करेगा। विक्रम कुंवर इंवेस्टिगेशन एजेंसी नहीं हैं। उन्होंने मामला ध्यान में लाया है और इस पर सरकार समुचित कार्रवाई करेगी।

इस बीच खबर है कि मामले में सिवान के डीएम अमित कुमार पांडेय ने तीन सदस्यीय टीम गठित कर जांच के आदेश दिए हैं। दरअसल, सीएम नीतीश कुमार के करीबी माने जाने वाले पूर्व मंत्री विक्रम कुंवर ने पत्र के माध्यम से आरोप लगाया है कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना के तहत जिला योजना पदाधिकारी द्वारा एंबुलेंस का क्रय किया गया था। योजना एवं विकास विभाग के सचिव के आलोक में एंबुलेंस की खरीदारी नहीं की गई थी।

विक्रम कुंवर ने बताया कि मॉनिटर मल्टी पारामीटर के लिए एक लाख 18 हजार 720, सिंगल पंप के लिए 69 हजार 440 रुपये, सेक्शन मशीन पोर्टेबल के लिए 33 हजार 600 तथा ट्रांस्पोर्ट वेंटिलेटर के लिए 3 लाख 41 हजार 600 का भुगतान किया गया। पूर्व मंत्री ने वित्तीय वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में खरीदी गई एंबुलेंसों की खरीदारी में अनियमितता की जांच कराते हुए कार्रवाई करने की मांग की है।

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