Patna: कोरोना संक्रमण के बीच होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में पहली बार सभी बूथों पर वीवीपैट (वोटर वेरीफायवल पेपर ऑडिट ट्रेल) का इस्तेमाल होगा। मतदान को पारदर्शी बनाने के लिए चुनाव आयोग इसकी तैयारी में जुटा है। सभी बूथों पर वीवीपैट के इस्तेमाल से मतदाता वोटिंग के दौरान यह देख सकेंगे कि उन्होंने किस पार्टी के अभ्यर्थी और चुनाव चिह्न पर वोट दिया है।
वीवीपैट बैलट यूनिट के साथ रखा जाता है। इसमें एक पारदर्शी खिड़की होती है, जिससे मतदान के बाद एक पर्ची निकलती है, जिसे मतदाता देख सकते हैं। यह पर्ची 7 सेकेंड तक देखी जा सकती है। इस पर अभ्यर्थी का नाम, क्रम संख्या और चुनाव चिह्न अंकित होता है। 7 सेकेंड के बाद पर्ची स्वतः कटकर वीवीपैट के सील डिब्बे में गिर जाती है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार हर विधानसभा क्षेत्र के 5 बूथों पर वीवीपैट की पर्ची की गिनती होगी। प्रावधान के अनुसार हर विधानसभा क्षेत्र में ऐसे पांच बूथों का चयन करना होता है, जहां ईवीएम के कंट्रोल यूनिट से मतों की गिनती हो चुकी हो। फिर वहां निर्धारित टेबल पर वीवीपैट की पर्ची की गिनती होती है। इस दौरान ईवीएम के कंट्रोल यूनिट के रिजल्ट का मिलान वीवीपैट की पर्ची से करना होता है। अगर किसी तकनीकी कारणवश कंट्रोल यूनिट के मत और वीवीपैट की पर्ची की टैली नहीं हो पाई तो वीवीपैट की पर्ची की गिनती ही मान्य होगी।
कोरोना संक्रमण के मद्देनजर चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव में मतदान केंद्रों की संख्या बढ़ा दी है। सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखकर अतिरिक्त 34 हजार मतदान केंद्र बनाए गए हैं।
किसी बूथ पर 1000 से अधिक वोटर नहीं
बिहार में बूथों की संख्या इस बार 1 लाख 6 हजार होगी। किसी बूथ पर 1000 से अधिक मतदाता नहीं होंगे। इस बार 1 लाख 85 हजार बैलट यूनिट, 1 लाख 83 हजार कंट्रोल यूनिट और 1 लाख 49 हजार वीवीपैट का इस्तेमाल होगा।