Desk: जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर हैं, दर्द से कराह रहे मरीजों के परेशान परिजनों का वहां तैनात सुरक्षा गार्ड डंडों से इलाज कर रहे हैं। यह हाल है बिहार के सबसे बड़े अस्पताल PMCH का। अमितेश कुमार अपने बच्चे को लेकर नौबतपुर से आये हैं। उनके दो साल के बच्चे का दो दिन पहले पैर टूट गया। बच्चे के टूटे पैर के रॉड का नंबर पूछने गए तो सुरक्षा गार्डों ने पीट दिया। अमितेश रो-रोकर सबसे अपना हाल सुनाता रहा, लेकिन किसी ने उनकी मदद नहीं की।
PMCH में दूर-दूर से आए मरीज हफ्ते भर से जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। किसी को भर्ती लेने का इंतजार है तो कोई अस्पताल के वार्ड में पड़े-पड़े तड़प रहा है। इतना ही नहीं, PMCH में किसी के हाथ की हड्डी काटकर छोड़ दी गई है तो किसी की ड्रेसिंग ही करना भूल गए हैं डॉक्टर।
पिछले एक सप्ताह से जारी जूनियर डॉक्टरों की इलाज के कारण मरीजों का बुरा हाल है। दूर-दराज से आये मरीज के परिजन मायूस होकर लौट रहे हैं। जिनके पास पैसे हैं वे प्राइवेट अस्पताल का रुख कर रहे हैं। मरीजों के जख्म पर मरहम की जगह PMCH की व्यवस्था उनका दर्द और बढ़ा रहा है।