Patna: अयोध्या मं राम मंदिर निर्माण का काम अगस्त माह में शुरू हो जाएगा. रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने शनिवार को हुई बैठक में मंदिर के लिए भूमिपूजन की तारीख का मुहूर्त 3 और 5 अगस्त तय हुआ है. फिलहाल दोनों तारीखों का सुझाव पीएमओ भेज दिया गया है. पीएमओ ही अब इस पर फैसला करेगा कि कौन सी तारीख को राम मंदिर का भूमिपूजन किया जाए.
ट्रस्ट की बैठक करीब सवा दो घंटे चली. रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय का कहना है कि परिस्थितियों को देखते हुए भूमि पूजन की तिथि तय करने का दायित्व पीएमओ पर छोड़ दिया गया है. पीएम के आगमन और सुरक्षा व्यवस्था की तैयारियों को करने के लिए कम से कम 15 दिन का समय चाहिए. ऐसे में भूमिपूजन से 15 दिन पहले सूचना मिलने की उम्मीद है.
मंदिर के नक्शे में किया गया विस्तारः राम मंदिर के नक्शे में कोई बदलाव नहीं किया गया है बस उसे विस्तार देने का फैसला किया गया है. इस विस्तार के तहत मंदिर की ऊंचाई धरातल से 128 फुट के बजाय अब 161 फुट होगी. इसी तरह मंदिर के गुंबदों की संख्या भी 3 से बढ़ाकर 5 कर दी गई है, साथ ही मंदिर में एंट्री गेट भी पांच ही होंगे.
अयोध्या में बनने वाला भगवान राम का मंदिर भव्य होगा और अब इसे दो की बजाय तीन मंजिला बनाने का फैसला किया गया है. मंदिर के मुख्य परिसर का क्षेत्रफल भी पहले के मुकाबले थोड़ा बढ़ जाएगा. संतों और ट्रस्ट की इच्छा के अनुसार, यह बदलाव किए गए हैं.
राम जन्मभूमि परिसर में सभी जर्जर भवनों को ध्वस्त किया जाएगा और भवनों में स्थित देव प्रतिमाओं को प्रतिष्ठित किया जाएगा. सीता रसोई के स्थान पर मां सीता के मंदिर का निर्माण किया जाएगा. मंदिर निर्माण के लिए अभी तक 80 हजार घन फुट पत्थर तराशा जा चुका है और करीब इतने ही और पत्थर की जरुरत पड़ सकती है. यह पत्थर बंसी पहाड़पुर से लाया जाएगा.
100 करोड़ की लागत का अनुमानः राम मंदिर के निर्माण में करीब 100 करोड़ रुपए की लागत आने का अनुमान है. वहीं इस मंदिर को बनने में तीन से साढ़े तीन साल लग सकते हैं. देश के 10 करोड़ श्रद्धालुओं के सहयोग से यह मंदिर तैयार किया जाएगा. अयोध्या में बनने वाला राम मंदिर विश्व में तीसरा सबसे बड़ा मंदिर हो सकता है. अभी विश्व का सबसे बड़ा मंदिर कंबोडिया में स्थित अंकोरवाट मंदिर है.