BJP अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने बिहार के दो दिग्‍गज नेताओं को दी बड़ी जिम्‍मेदारी, यूपी चुनाव में ये होंगे तुरुप का पत्‍ता

BJP अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने बिहार के दो दिग्‍गज नेताओं को दी बड़ी जिम्‍मेदारी, यूपी चुनाव में ये होंगे तुरुप का पत्‍ता

पटना: जेडीयू छोड़कर बीजेपी में शामिल होने वाले पूर्व राज्यसभा सांसद साबिर अली को पार्टी ने छह साल बाद अल्पसंख्यक मोर्चा का महामंत्री बनाया है। सोमवार को बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा की राष्ट्रीय टीम का ऐलान किया गया। इसमें साबिर अली को बिहार का महामंत्री बनाया गया है। हालांकि जब अली ने बीजेपी का दामन थामा था तब उनका काफी विरोध हुआ था।

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सोमवार को अल्पसंख्यक मोर्चे की 20 सदस्यीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा की। इसमें सबसे ज्यादा सदस्य उत्तर प्रदेश से हैं। इसके बाद बिहार से दो सदस्यों को राष्ट्रीय मोर्चा में जगह मिली है। बिहार से अली के अलावा अररिया के मुफ्ती अब्दुल वहाब कासमी को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है।

बता दें कि साबिर अली जब जेडीयू में थे तो उन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का काफी करीबी माना जाता था। इसी कारण पार्टी ने उन्हें राज्यसभा भी भेजा था। हालांकि कुछ समय बाद सीएम नीतीश से उनके रिश्ते बिगड़ गए और उन्हें पार्टी से बाहर निकाल दिया गया। इसके बाद 2014 में वे बीजेपी में शामिल हुए। पार्टी में उनके आते ही राष्ट्रीय नेताओं ने उनका विरोध करना शुरू कर दिया।

Give proof or apologise: Sabir Ali to Mukhtar Abbas Naqvi | India.com

बिहार बीजेपी के नेताओं ने भी साबिर अली का खुलकर विरोध किया था। वरिष्ठ बीजेपी नेता और मौजूदा केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने साबिर अली का विरोध करते हुए ट्वीट कर कहा था, ‘आतंकवादी भटकल का दोस्त बीजेपी में शामिल हुआ है। शायद जल्दी ही दाऊद भी आएगा।’ इसके बाद पार्टी ने अपना फैसला वापस ले लिया था। सदस्यता ग्रहण करने के 24 घंटे बाद ही उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया था।

अली ने खुद को भटकल का दोस्त बताए जाने के लेकर मुख्तार अब्बास नकवी पर मानहानि का मुकदमा किया था। हालांकि 2014 के लोकसभा चुनावों के बाद वे एक बार फिर बीजेपी में शामिल हो गए थे। वहीं दोनों नेताओं में आपसी सुलह होने के बाद अली ने केस वापस ले लिया था। दूसरी ओर अररिया जिले के वहाब भाजपा के खांटी कार्यकर्ता से लेकर भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष तक रह चुके हैं।

आपको बता दें कि बता दें कि भाजपा ने असम और पुडुचेरी में भले ही विधान सभा चुनाव 2021 जीत लिया है। मगर पश्चिम बंगाल (West Bengal) की हार ने पार्टी की महत्‍वकांक्षा पर रोक लगा दी है। अगले साल 2022 में यूपी सहित सात राज्‍यों में विधान सभा चुनाव होने हैं। यूपी के अलावा उत्‍तराखंड, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, गोआ, पंजाब और मणिपुर में विधान सभा चुनाव है। इसे देखते हुए पार्टी ने अभी से ही अपनी तैयारियां शुरू कर दी है।

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