Patna: पटना हाईकोर्ट ने एक बार फिर से बिहार की नीतीश सरकार को फटकार लगाई हैं। इस बार हाईकोर्ट ने सीएम नीतीश की गुड गवर्नेंस पर सवाल उठाया हैं।
दरअसल राज्य में कोरोना से हो रही मौतों के आंकड़े को सहीं तरीके से सामने नहीं आने के बाद हाईकोर्ट ने नीतीश सरकार पर कड़ी टिप्पणी की है। हाईकोर्ट ने शिवानी कौशिक समेत अन्य की जनहित याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान सरकार को कहा है कि कोरोना से हुई मौतों के बारे में सही जानकारी नहीं देना सरकार का अड़ियल रुख बताता है जो कहीं से भी उचित नहीं है। हाईकोर्ट ने कहा है कि यह ना तो कानूनन सही है और ना ही यह गुड गवर्नेंस की कसौटी पर खरा उतरता है।
साथ ही हाईकोर्ट ने ये आदेश दिया कि सरकार को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर यह बताना चाहिए कि राज्य में कोरोना से कितनी मौतें हुई। राज्य की जनता को यह जानने का कानूनी अधिकार है। हाईकोर्ट ने इस बात पर भी अफसोस जाहिर किया कि बार-बार कहने के बावजूद सरकार जन्म मृत्यु के तमाम पोर्टल पर अपडेट कर उसे जनता के सामने खोलने में आनाकानी कर रही है। हाईकोर्ट ने सरकार की उस दलील को भी खारिज किया कि यह पोर्टल आम पब्लिक के लिए नहीं खोले जा सकते क्योंकि वह भारत सरकार के अधीन होते हैं। कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि बिहार में रह रहे लोगों की पहुंच राज्य के जन्म मृत्यु से जुड़े तमाम जानकारियां डिजिटल पोर्टल पर समय अपडेट होते रहे। आपको बता दें कि हाईकोर्ट ने 28 पन्नों के आदेश में यह तय किया है कि कोरोना से हुई मौतों के आंकड़ों को जानना लोगों का मौलिक अधिकार है और सटीक आंकड़े देना सरकार का संवैधानिक दायित्व है।