Patna: कोरोना काल के दौर में बेरोजगारी चरम पर है. ऐसे में खादी-ग्रामोद्योग के उत्पाद वरदान के रूप में उभरे हैं. इस क्षेत्र में काफी युवाओं को फिलहाल रोजगार मिल रहा है. इससें बुनकरों, कारीगरों एवं प्रवासी मजदूरों को बड़ी राहत मिली है. खादी संस्थाएं जहां वस्त्र निर्माण पर जोर दे रही हैं, वहीं ग्रामोद्योग से जुड़ी संस्थाएं हर्बल साबुन, तेल, धूप, दीप, अगरबत्ती आदि के निर्माण पर जोर दे रही हैं.
लॉकडाउन के दौरान भी बढ़ी उत्पादों की मांग
लॉकडाउन के दौरान भी इनके उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है. काफी संख्या में लोगों को रोजगार भी मिल रहा है. बिहार राज्य खादी ग्रामोद्योग आयोग से मान्यता प्राप्त तुलिना कुटीर उद्योग की चेयरमैन इंद्राणी का कहना है कि कोरोना संकट के दौर में खादी-ग्रामोद्योग से लोगों को बड़ी राहत मिली है.
खादी-ग्रामोद्योग में रोजगार के अवसर
फिलहाल खादी-ग्रामोद्योग में रोजगार के खूब अवसर उभर रहे हैं. संस्था की ओर से पटना के फुलवारीशरीफ में इसके लिए प्लांट स्थापित किया गया है. यहां धूप-दीप, अगरबत्ती एवं हर्बल साबुन तैयार किया जा रहा है. सबसे ज्यादा उत्पादन हर्बल साबुन का हो रहा है. संस्था के सचिव अरूण प्रकाश का कहना है कि इस काम में सरकार का सहयोग काफी उल्लेखनीय रहा. ग्रामोद्योग के लिए सरकार ने प्रशिक्षण दिया था. उसके बाद उत्पादन शुरू किया गया. कोरोना काल में विकसित हो रहे नये अवसर संस्था की ओर से काम तो 2005 से किया जा रहा है, लेकिन कोरोना संकट के दौर में निराशा के वातावरण में यहां रोजगार के अवसर विकसित हुए हैं.
विदेशों तक जा रहे खादी के उत्पाद
यहां उत्पादित हर्बल साबुन देश एवं विदेशों में भेजा जा रहा है. राज्य सरकार के उद्योग विभाग की मदद से यहां से काफी मात्रा में साबुन आस्ट्रेलिया, सिंगापुर, जापान एवं पूर्वी एशिया के कई देशों में भी भेजा जा रहा है. भारत में केरल एवं तमिलनाडु में हर्बल साबुन की काफी मांग है. इसके अलावा देश के विभिन्न प्रदेशों में भी काफी संख्या में हर्बल साबुन की मांग हो रही है. 50 से अधिक लोगों को मिला काम संस्था की ओर धूप एवं अगरबत्ती का भी निर्माण किया जा रहा है. यहां पर कुल मिलाकर 50 से अधिक लोग काम कर रहे हैं और प्रतिदिन 500 से अधिक साबुन का निर्माण किया जा रहा है. संस्था की ओर से अधिक से अधिक लोगों को रोजगार देने की कोशिश की जा रही है.