Patna: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निर्देश दिया है कि सभी थानों में अनुसूचित जाति-जनजाति से संबंधित दर्ज कांडों की थानावार समीक्षा डीजीपी स्वयं करें। अनुसंधान कार्य को तेजी से पूर्ण करें। जो पदाधिकारी मामलों के निष्पादन में गंभीरता नहीं दिखाते हैं, उनपर कार्रवाई करें। सभी थानों में विधि-व्यवस्था और अनुसंधान के लिए अलग-अलग विंग बनाये गये हैं। ताकि विधि-व्यवस्था का भी बेहतर ढंग से क्रियान्वयन किया जा सके और अनुसंधान कार्य भी समय पर पूरा हो।
मुख्यमंत्री शुक्रवार को अनुसूचित जाति-जनजाति राज्य स्तरीय सतर्कता और मॉनिटरिंग समिति की बैठक में बोल रहे थे। मुख्यमंत्री सचिवालय संवाद में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई समीक्षा बैठक में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के सचिव प्रेम कुमार मीणा ने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से पिछले बैठक की कार्यवाही के अनुपालन की विस्तृत जानकारी दी।
वीडियो कांफ्रेंसिंग से उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री रमेश ऋषिदेव, सांसद विजय मांझी, पशुपति कुमार पारस, प्रिंस राज, आलोक कुमार सुमन, विधायक ललन पासवान, सुनील कुमार, भागीरथी देवी, प्रेमा चौधरी, प्रभुनाथ प्रसाद, रत्नेश सदा, बेबी कुमारी, पूनम कुमारी सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने अपनी बातें रखीं। बैठक में मुख्य सचिव दीपक कुमार, डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, सचिव मनीष कुमार वर्मा, अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल सिंह उपस्थित थे।