Desk: बिहार के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री जिबेश कुमार की नजर में बिहार की कानून व्यवस्था देश की राजधानी से कहीं बेहतर है। यही नहीं, विकास के मामले में भी राज्य की स्थिति कहीं बेहतर है। निकट भविष्य में यह औद्योगिक हब भी बनने वाला है। जिबेश शुक्रवार को दिल्ली के प्रगति मैदान में जागरण से मुखातिब थे। वह यहां चल रही 28वें कन्वर्जेंस इंडिया और 6वें स्मार्ट सिटीज इंडिया एक्सपो के समापन समारोह में हिस्सा लेने आए हुए थे।
इस दौरान उन्होंने कहा कि चाहे श्रम का मामला हो और चाहे सूचना प्रौद्योगिकी का, बिहार के युवा हर जगह सफलता का परचम लहरा रहे हैं। हर क्षेत्र में राज्य की हिस्सेदारी साफ नजर आती है। आने वाले दिनों में यहां औद्योगिक विकास भी तेजी पकड़ने को है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने जो एथनोल आधारित उद्योगों की नीति तैयार की है, उसके बाद यहां निवेशक भी बड़ी संख्या में भी आकर्षित हो रहे हैं। एनडीए सरकार निवेशकों को बेहतर से बेहतर ढांचागत विकास और सुरक्षा व्यवस्था भी मुहैया कराएगी।
यह पूछे जाने पर कि निवेशकों की पहली प्राथमिकता बेहतर कानून व्यवस्था होती है? जबकि बिहार इस कसौटी पर क्या वाकई खरा उतरता है? जिबेश कुतार ने कहा कि देश के तमाम राज्यों की क्राइम रैंकिंग देखी जाए तो बिहार का नंबर टॉप 20 में भी नहीं है। बिहार से कहीं अधिक खराब कानून व्यवस्था तो दिल्ली की है। यहां आए दिन छोटी छोटी बातों पर पता नहीं क्या क्सा हो जाता है। कम से कम बिहार के हालात ऐसे नहीं हैं।
जिबेश ने बताया कि बिहार राज्य परियोजनाओं के साथ खिल रहा है। वर्तमान में तीन आइटी पार्क निर्माणाधीन हैं, जिनमें सहज नेटवर्क कनेक्टिविटी के साथ बिहटा में यह 33 एकड़ में, इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण हब के तीन चरणों के विकास और अच्छी तरह से स्थापित कनेक्टिविटी के साथ राजगीर में 110 एकड़ में बन रहा है। स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए बिहार सरकार ने कई पहल की हैं और राज्य अधिसूचित ऊष्मायन केंद्रों को 100 फीसद से अधिक मुक्त करने के लिए 900 से अधिक स्टार्ट-अप सौंपे गए हैं। राज्य को प्रमाणन और राज्य सरकार के लिए बिहार स्टार्ट-अप पोर्टल पर 5591 आवेदन प्राप्त हुए हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य में प्रतिभाओं का एक पूल है जिसमें बेहतरीन शैक्षिक संस्थानों द्वारा समर्थित प्रचुर कुशल श्रमिक हैं। हमें यकीन है कि इससे व्यावसायिक घरानों को अपनी लागत कम करने और लाभ बढ़ाने का अवसर मिलेगा – सरल फार्मूला ”आय माइनस व्यय”। एक सतत प्रयास में हम विभिन्न नीति और नियामक सुधार कर रहे हैं और सुनिश्चित करें कि बिहार उद्योग के लिए पसंदीदा विकल्प होगा।
बिहार सरकार के मंत्री जीबेश कुमार यह भी कहा कि जिस तरह की सुविधा की जरूरत निवेशकों को पड़ेगी, वो हर सुविधा मुहैया कराई जाएगी। दरअसल, बिहार में 19 लाख रोजगार देने का वादा किया गया था। इस पर बिहार सरकार उसको पूरा कर रही है।
. बिहार सरकार के आईटी मंत्री ने कहा कि आईटी उद्योग में बिहार की बड़ी हिस्सेदारी है. देश भरक के अंदर बिहार के नौजवान, बिहार का टैलेंट आज विभिन्न क्षेत्रों में रहकर आईटी को एक नया मुक़ाम पर पहुंचाने का काम कर रहे है। उन्होंने कहा कि मैंने निवेशकों से आग्रह किया है कि आप बिहार आइए. हमारे बच्चे भी आएंगे आपके साथ। मंत्री का दावा है कि 19 लाख रोजगार देने के सरकार के फ़ैसले में आईटी की बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए बिहार सरकार ईमानदारी से लोगों से बिहार आने का आग्रह कर रही है।