Patna: बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के प्रबंधन संरचना के तहत प्रदेश में कार्यरत कांट्रेक्ट कर्मियों की संविदा अवधि बढ़ेगी। इसके साथ ही 60 साल पूरा कर चुके ऐसे संविदाकर्मियों की भी संविदा अवधि कार्यों की समीक्षा के बाद बढ़ायी जाएगी। बीईपी के राज्य परियोजना निदेशक संजय कुमार सिंह ने सभी जिलों के डीपीओ प्राथमिक एवं सर्वशिक्षा अभियान को विस्तृत निर्देश जारी किया है।
निदेशक ने जिलों को भेजे पत्र में कहा है कि बीईपी में संविदाकर्मियों की नियुक्ति सामान्यत: तीन साल के लिए होती है। 6 सितम्ब र 2019 की अधिसूचना के मुताबिक संविदाकर्मी 60 वर्ष की आयु पूरी करने, योजना की अवधि अथवा नियमित नियुक्ति होने तक काम करेंगे। इसके बाद भी उनके काम की समीक्षा कर 65 वर्ष तक कार्यरत रखे जाने का प्रावधान किया गया है।
श्री सिंह ने कहा है कि ऐसे कर्मी जिनकी संविदा अवधि समाप्त हो गयी है, उनके कार्यों की समीक्षा कर नियोक्त के रूप में अवधि विस्तार का पत्र जारी करें। इसके साथ ही 60 वर्ष की आयु पूरी करने वाले स्वास्थ्य, सत्यनिष्ठा, एवं कार्यकुशलता की समीक्षा के बाद संविदा की अवधि का विस्तार अधिकतम 65 वर्ष की आयु तक , योजना की अवधि अथवा नियमित नियुक्ति होने तक करें। 60 वर्ष की आयु पूरी करने वाले कार्मिक विशेष के स्वास्थ्य के संदर्भ में चिकित्सा प्रमाण पत्र जो जिला असैनिक शल्य चिकित्सक के न्यून स्तर से निर्गत न हो, प्राप्त करना अनिवार्य होगा।
सेवा विस्तार अधिकतम 65 वर्ष की आयु तक
इसके साथ ही 60 साल पूरा कर चुके ऐसे संविदाकर्मियों की भी संविदा अवधि कार्यों की समीक्षा के बाद बढ़ायी जाएगी। बीईपी के राज्य परियोजना निदेशक संजय कुमार सिंह ने सभी जिलों के डीपीओ प्राथमिक एवं सर्वशिक्षा अभियान को निर्देश जारी किया है। बीईपी में संविदाकर्मियों की नियुक्ति सामान्यत: तीन साल के लिए होती है। 6 सितम्ब र 2019 की अधिसूचना के मुताबिक संविदाकर्मी 60 वर्ष की आयु पूरी करने, योजना की अवधि अथवा नियमित नियुक्ति होने तक काम करेंगे।
इसके बाद भी उनके काम की समीक्षा कर 65 वर्ष तक कार्यरत रखे जाने का प्रावधान किया गया है। श्री सिंह ने कहा है कि ऐसे कर्मी जिनकी संविदा अवधि समाप्त हो गयी है, उनके कार्यों की समीक्षा कर नियोक्त के रूप में अवधि विस्तार का पत्र जारी करें। इसके साथ ही 60 वर्ष की आयु पूरी करने वाले स्वास्थ्य, सत्यनिष्ठा, एवं कार्यकुशलता की समीक्षा के बाद संविदा की अवधि का विस्तार अधिकतम 65 वर्ष की आयु तक, योजना की अवधि अथवा नियमित नियुक्ति होने तक करें।