बिहार कैबिनेट में मिथिलांचल और चंपारण के इन नेताओं को म‍िल सकता है मौका

बिहार कैबिनेट में मिथिलांचल और चंपारण के इन नेताओं को म‍िल सकता है मौका

Desk: दो माह पुरानी नीतीश कुमार (Nitish kumar)सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार की तिथि भले ही तय न हो लेकिन, संभावितों को लेकर चर्चा का बाजार गर्म है। पिछली बार की तरह इस बार भी मिथिलांचल (Mithilanchal)का दबदबा इसमें दिख सकता है। भाजपा (BJP) अौर जदयू (JDU)दोनों के संभावित मंत्रियों की सूची में मिथिलांचल को बेहतर प्रतिनिधित्व मिलता दिख रहा है। वैसे चंपारण का प्रदर्शन भी शानदार माना जा रहा है। वैसे देखा जाए तो यही दो इलाके हैं जिसने बिहार विधानसभा चुनाव 2020 (Bihar Assembly Elections 2020)के दौरान राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA)की लाज रखी थी।

वर्तमान नीतीश कैबिनेट की बात करें तो इसमें 13 मंत्री हैं। 23 और मंत्रियों के इसमें शामिल होने की गुंजाइश है। इस विस्तार के बारे में जो बात निकल कर सामने आ रही है उसके अनुसार अब वीआइपी और हम को एक भी सीट नहीं मिलने जा रही। इसका तात्पर्य यह हुआ कि शेष बची 23 सीटें भाजपा अौर जदयू के बीच ही बंटनी हैं। जिस समीकरण पर सहमति की बात कही जा रही है उसके अनुसार भाजपा कोटे के 12 और जदयू के 11 मंत्री बनाए जा सकते हैं।

संजय सरावगी व नीतीश मिश्रा को मौका

जहां तक मिथिलांचल और चंपारण को मिलने जा रहे प्रतिनिधत्व की बात है तो पहले भाजपा की बात करते हैं। भाजपा अपने दरभंगा नगर सीट के संजय सरावगी व मधुबनी के झंझारपुर से चुने गए नीतीश मिश्रा को जगह दे सकती है। वहीं जदयू कोटे से देखा जाए तो मधुबनी की हरलाखी सीट से निर्वाचित सुधांशु शेखर, दरभंगा के बहादुरपुर से चुने गए मदन सहनी और समस्तीपुर की कल्याणपुर सीट से निर्वाचित महेश्वर हजारी को मौका मिल सकता है। इस तरह से पांच और मंत्री यहां मिल सकते हैं। जबकि रामप्रीत पासवान, शीला मंडल व जीवेश मिश्रा पहले से ही नीतीश कैबिनेट में शामिल हैं।

जातीय समीकरण के साथ साथ क्षेत्रीय संतुलन का ध्यान

जहां तक चंपारण की बात है तो इस बार जातीय समीकरण के साथ साथ क्षेत्रीय संतुलन का ध्यान भी दोनों दलों की ओर से रखे जाने की संभावना है। भाजपा कोटे से पश्चिम चंपारण के रामनगर सुरक्षित सीट से निर्वाचित भागीरथी देवी, पूर्वी चंपारण के मधुबन से चुने गए राणा रंधीर और मोतिहारी से निर्वाचित प्रमोद कुमार मौका दिया जा सकता है। इसमें राणा रंधीर और प्रमोद कुमार पहले भी मंत्री रह चुके हैं। जदयू कोटे की बात करें तो पूर्वी चंपारण के केसरिया की विधायक शालिनी मिश्रा को मौका मिल सकता है। सूबे की उपमुख्यमंत्री रेणु देवी भी चंपारण की हैं। इस तरह से चंपारण के पांच मंत्री इस कैबिनेट में हो सकते हैं।

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