Patna: कोरोना जैसी महामारी से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने युद्ध स्तर पर तैयारी की है। 929 विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति और उनकी पदस्थापना कर दिया गया है। जल्द ही 9 हजार ए-ग्रेड नर्स (जीएनएम) की नियुक्ति भी होने जा रही है। बिहार तकनीकी सेवा आयोग में इनकी चयन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। यह जानकारी राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने दी। उन्होंने बताया कि इसके अलावा लगभग 4 हजार मेडिकल अफसर के चयन की प्रक्रिया चल रही है।
मंत्री ने कहा कि हर दिन जांच की क्षमता और स्वास्थ्य सुविधाओं में लगातार वृद्धि की जा रही है। राज्य के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तक जांच में तेजी लाई गई है। हर दिन जांच की क्षमता बढ़कर 20 हजार से ज्यादा हो गई है। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि पटना के होटल पाटलिपुत्र अशोका में जहां पूर्व से ही 85 बेड का आइसोलेशन सेंटर संचालित है, वहीं अब 75 बेड का नया कोरोना अस्पताल केंद्र की शुरुआत की गयी है।
वीडियो कॉलिंग कर भर्ती मरीजों का जाना हाल-चाल
पटना सिटी के कंगन घाट स्थित टूरिस्ट इन्फॉरमेशन सेंटर में 200 बेड का कोरोना स्वास्थ्य केंद्र काम करने लगा है। इसमें 50 बेड पर मरीजों को आवश्यकतानुसार ऑक्सीजन की सुविधा उपलब्ध होगी। गुरुवार को स्वास्थ्य मंत्री ने इस अस्पताल का निरीक्षण किया। उन्होंने आइसोलेशन सेंटर में भर्ती मरीजों से वीडियो कॉलिंग के माध्यम से बात की और उनका हाल-चाल जाना।
रविशंकर ने कहा-राज्य के प्रमुख इलाकों में खोलें अस्थायी कोरोना अस्पताल
पटना साहिब से सासंद व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पटना के होटल पाटलिपुत्र अशोक को कोरोना अस्पताल के रूप में विकसित करने के लिए कहा। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे से कहा कि यह होटल अभी आइसोलेशन केंद्र के रूप में कार्यरत है, लेकिन इसे बहुत जल्दी उचित मेडिकल व्यवस्थाओं के साथ अस्पताल के रूप में स्थापित किया जाना चाहिए। कोरोना की बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए अधिक बेड उपलब्ध हो यह बहुत जरूरी है।
उन्होंने यह भी आग्रह किया कि राज्य के प्रमुख क्षेत्रों में कुछ बड़े अस्थायी अस्पताल स्थापित किए जाएं, जैसा दिल्ली व अन्य राज्यों में किया गया है। इसके पहले उन्होंने कोरोना को लेकर समीक्षा बैठक की। इसमें स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे, भारत सरकार के स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण, बिहार सरकार के प्रधान स्वास्थ्य सचिव प्रत्यय अमृत, पटना के जिलाधिकारी कुमार रवि, समेत पीएमसीएच, एनएमसीएच और पटना एम्स के अधीक्षक व निदेशक शामिल हुए।