Patna:गया (Gaya) जिले के बाराचट्टी (Barachatti) थाना अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या दो (NH- 2) के किनारे महुअरी (Mahuari) गांव में शनिवार की देर रात नाच प्रोग्राम के दौरान नक्सलियों ने हमला (Naxali Attack) कर दिया। नक्सलियों ने हमले में दो ग्रामीणों की हत्या (Murder) कर दी है, जबकि पुलिस कार्रवाई में नक्सली संगठन का एक जोनल कमांडर (Naxali Zonal Commander) आलोक (Aalok) मारा गया।
इस वारदात में नदरपुर पंचायत की मुखिया शारदा देवी (Sharda Devi) का देवर वीरेंद्र यादव (Virendra Yadav) नक्सलियों के हाथों मारा गया है। वीरेंद्र के बड़े भाई की हत्या भी नक्सलियों ने कुछ साल पहले कर दी थी।
कोबरा के चार जवान भी हुए हैं घायल, नक्सलियों के दो हथियार बरामद
पुलिस कार्रवाई में नक्सलियों के पास रहे दो आधुनिक हथियार भी बरामद किया गया है। इस घटना में कोबरा के चार जवान भी घायल हुए है। सभी को गया के अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाया गया है। सभी की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।
जीटी रोड के किनारे चल रहा था कार्यक्रम, नक्सलियों ने शुरू कर दी फायरिंग
घटना की पुष्टि करते हुए वरीय पुलिस अधीक्षक राजीव मिश्रा (SP Rajiv Mishra) ने बताया कि शनिवार की देर रात जीटी रोड (GT Road) के किनारे नाच का एक कार्यक्रम चल रहा था। उसी दौरान नक्सलियों के दस्ता वहां पहुंचकर अंधाधुंध फायरिंग (Firing) शुरू कर दी। नक्सलियों ने दो ग्रामीणों की हत्या कर दी है।
सीआरपीएफ और कोबरा के साथ जिला पुलिस ने घेराबंदी कर की जवाबी कार्रवाई
सूचना पर सीआरपीएफ (CRPF), कोबरा (COBRA battalion) और जिला पुलिस बल ने घेरेबंदी की। घेरेबंदी के बाद दोनों ओर से कई राउंड गोलीबारी हुई है, जिसमें नक्सली संगठन का जोनल कमांडर मारा गया। इस तरह जोनल कमांडर सहित तीन की जान इस वारदात में गई है। तीनों लोगों के शव एक पिकअप पर रखकर पोस्टमॉर्टम के लिए गया जिला मुख्यालय स्थित अनुग्रह नारायण मेडिकल कॉलेज में भेजे गए हैं।
आसपास के इलाके में लगातार छापेमारी कर रही है पुलिस
एसएसपी ने बताया कि नक्सली और पुलिस मुठभेड़ में के बाद एक एके-47 (AK- 47) व इंसास (Insas rifle) राइफल बरामद की गई है। घटना के बाद सीआरपीएफ और कोबरा आस-पास के गांव व जंगली क्षेत्रों में लगातार छापेमारी कर रही है। कोबरा एसएसबी के द्वारा लोहारी के जंगलों (Forest of Lahari) में छापेमारी की कार्रवाई प्रारंभ है।
10 लाख का इनाम घोषित था मारे गये नक्सली कमांडर पर
पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में मारे गये नक्सली जोनल कमांडर पर ₹10 लाख का इनाम घोषित था। गया के एसएसपी ने बताया कि आलोक की गतिविधियां ज्यादातर झारखंड के इलाके में थीं। झारखंड (Jharkhand) की सरकार ने ही उसपर इनाम रखा था। फिलहाल नक्सली कमांडर सहित दो लोगों का शव अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज पोस्टमाॅर्टम के लिए लाया गया है। मारे गए ग्रामीणों में एक की पहचान नदरपुर (Nadarpur) पंचायत के मुखिया (Mukhia) के देवर वीरेंद्र यादव (Virendra Yadav) के रूप में की गई है, जबकि शख्स बेला (Bela) का निवासी जयराम यादव (Jayram Yadav) है।
मारे गये ग्रामीणों में से एक का घर 2005 में जला दिया था नक्सलियों ने
यहां यह बता दें कि 2005 में नदरपुर स्थित वीरेंद्र यादव के घर को नक्सली संगठनों ने आग के हवाले किया था। तब से ये लोग घर छोड़कर बाराचट्टी में रह रहे थे। 2009 में वीरेंद्र यादव के बड़े भाई शंभू यादव (Shambhu Yadav) की हत्या माओवादी संगठन ने सासाराम (Sasaram) में कर दी थी। वीरेंद्र भी माओवादियों के निशाने पर काफी दिनों से चल रहा था और इसे कई बार नक्सली संगठन के द्वारा धमकी भी मिली थी।
झारखंड और बिहार के सीमावर्ती इलाके की कमान थी आलोक के पास
नक्सली जोनल कमांडर आलोक की हत्या के बाद उसके अन्य सहयोगी नक्सली घटनास्थल से फरार हो गए। वरीय पुलिस अधीक्षक राजीव मिश्रा ने बताया कि गया जिले के बाराचट्टी थाना क्षेत्र झारखंड की सीमा से सटे है । इस क्षेत्र में नक्सली कालेश (Kalesh) के नाम से संगठन चला रहे हैं। इसकी कमान आलोक के पास थी। वह बिहार व झारखंड के अलग-अलग क्षेत्रों में नक्सली कार्रवाई को अंजाम देता था। एसएसपी ने कहा कि पुलिस की इस तरह की कार्रवाई से नक्सलियों का हौसला जरूर कम हुआ है।
डोभी थाने में लाये गये हैं शव, सामने जुटी है भीड़
बताया जा रहा है कि नदरपुर की मुखिया का देवर आर्केस्ट्रा कार्यक्रम का उद्घाटन करने पहुंचा था। उनकी हत्या में प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी का हाथ बताया जा रहा है। तीनों मृतक का शव डोभी थाना में लाये गये हैं, जहां सुबह से ही लोगों की भीड़ जमा है। वीरेंद्र और जयराम के परिजन के अलावे सैकडों की संख्या में उसके समर्थक थाना के बाहर जमे हैं। नक्सली आलोक के बारे में उपस्थित लोगों के तरह के कयास लगा रहे है।
पुलिस संरक्षण और नौकरी की मांग कर रहे मृतक के स्वजन
घटना में मारे गये वीरेंद्र के स्वजन नौकरी और पुलिस संरक्षण की मांग पर अड़े हैं। उनका कहना है कि मांग पूरी होने तक वे लोग थाने में ही डटे रहेंगे। स्वजनों का कहना है कि जब तक मांग पूरी नही होगी तब तक थाना के सामने डटे रहेंगे।
मारे गये नक्सली कमांडर का आपराधिक इतिहास खंगालने में जुटी है पुलिस
घटना मे मारे गये नक्सली कमांडर का आपराधिक इतिहास खंगालने में पुलिस लगी हुई है। थाना के बाहर ग्रामीण और परिजन लगातार प्रशासन पर अपनी मांग को लेकर दबाव बनाये हुए हैं। डोभी थाना में पहुंचकर गया एसएसपी ने पूरी घटना की जानकारी इकट्ठा की है।