पटना: बिहार के मिथिला क्षेत्र में बाढ़ के कारण एक बार फिर से सकंट गहराने लगा है। दरअसल लगातार बारिश होने के कारण कमला-कोसी-गंडक में उफान आ गया है जिससे मिथिला क्षेत्र के लोगों को एक बार फिर से बाढ़ का सामना करना पड़ सकता है।
आपको बता दें कि नेपाल के तराई वाले इलाके और उत्तर बिहार के जलग्रहण क्षेत्रों में लगातार बारिश के बाद नदियों में उफान ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। मई में नदियों में इतना पानी आजतक नहीं आया। परेशानी इसी बात को लेकर रही कि देर रात बारिश थमने के बाद भी नदियों के जलस्तर में मामूली कमी ही आई थी। नदियों और तटबंधों के साथ-साथ बराजों की भी मानिटरिंग की जा रही है। बराज के गेटों को पानी के हिसाब से खोला गया है।
नेपाल प्रक्षेत्र में गंडक में पानी की मात्रा अभी भी अधिक बनी हुई है। वहां अपस्ट्रीम में जलस्तर 351।60 फीट पर पहुंच गया है जबकि डाउनस्ट्रीम में यह लेवल 348।80 फीट पर है। इसका सीधा अर्थ है कि नेपाल प्रक्षेत्र में पानी का डिस्चार्ज अभी भी अधिक है। इसीलिए वाल्मीकिनगर बराज के गेट खोले रखे गए हैं। यही नहीं उत्तर बिहार के साथ-साथ दक्षिण बिहार की नदियों का जलस्तर बी पिछले 48 घंटे में लगातार बढ़ने के बाद शांत पड़ा है।
नेपाल में पिछले 72 घंटे से लगातार बारिश होने के कारण गंडक और कोसी नदी के जलस्तर में भारी वृद्धि हुई है। गंडक में 1।21 लाख क्यूसेक जबकि कोसी में 91 हजार क्यूसेक पानी पहुंच गया था। बीती रात इसमें और बढ़ोतरी हुई गंडक में यह 1।30 लाख क्यूसेक तक पहुंच गया जबकि कोसी में 95 हजार को पार कर गया। लेकिन, रविवार की देर रात इसका जलस्तर घटने लगा।
नेपाल में भारी बारिश की वजह से शनिवार को गंडक बराज से 1.21 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जबकि रविवार को 63 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया है। इस कारण उत्तर बिहार के जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति हो गई है। उत्तर बिहार की नदियां ऊफान पर हैं। यही कारण है कि माेतिहारी (पूर्वी चंपारण) में गंडक नदी कटाव कर रही है।
संग्रामपुर प्रखंड के पुछरिया गांव के सामने गंडक नदी का जलस्तर 10 फीट से अधिक बढ़ गया और खेतों का कटाव शुरू हो गया। नदी ने रविवार सुबह छह बजे से लेकर दिन के दो बजे तक लगभग 20 एकड़ से अधिक खेती का कटाव कर लिया। नदी इतनी तेजी से खेती की भूमि को काट रही है कि किसान परेशान हैं। किसान राघव सिंह, रामचंद्र सिंह, नागेंद्र यादव, रविरंजन ने बताया कि नदी तेजी से बढ़कर पेटी से खेती की तरफ चली आई और कटाव शुरू हो गया।
तो वहीं बागमती नदी के जलस्तर में रविवार को 2 फीट की कमी आने के बाद दहशतजदा कटरा व औराई वासियों ने राहत की सांस ली है, लेकिन संकट अभी भी बरकरार है। नदी में उफान से कटरा में ध्वस्त बकुची पीपा पुल के दोनों छोर पर पानी का दबाव बना हुआ है। दूसरे दिन पीपा पुल संचालकों ने दर्जनों मजदूों की सहायता से पीपा पुल के दोनों छोर पर चचरी डाल कर आवागमन बहाल किया। हालांकि चारपहिया वाहनों का परिचालन अब भी बंद है।