मिथिलांचल का बाबाधाम कहा जाने वाला कुशेश्वरस्थान पानी में डूबा, गर्भ गृह बंद

मिथिलांचल का बाबाधाम कहा जाने वाला कुशेश्वरस्थान पानी में डूबा, गर्भ गृह बंद

Patna:बिहार में एक बार फिर से बाढ़ (Bihar Flood) ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है. दरभंगा (Darbhanga) में बाढ़ ने उत्तर बिहार के मशहूर मंदिर को भी अपनी चपेट में ले लिया है. जिला के कुशेश्वर स्थान प्रखंड में स्थित मिथिला का बाबाधाम कहे जाने वाले प्रसिद्ध तीर्थ स्थल शिवनगरी बाबा कुशेश्वर धाम (Kusheswar sthan Temple) बाढ़ के पानी में डूब गया है. मंदिर परिसर में घुटना भर से ज्यादा पानी लगा है वहीं मंदिर में गर्भगृह में बाढ़ का पानी छाती भर से ज्यादा होने के कारण उसे बंद करना पड़ा है.

पानी निकालने के लिए लगाया गया पंप

बाढ़ के पानी के बीच किसी तरह यहां पूजा-पाठ किया जा रहा है. मंदिर परिसर में दो से तीन फीट पानी लगा है. मंदिर की कई सीढियां पानी में डूबीं है हालांकि मंदिर परिसर से बाढ़ का पानी निकालने के लिए लगातार मोटर पम्प लगाया गया है लेकिन बाढ़ का पानी एक तरफ से निकलता है तो दूसरी तरफ से प्रवेश कर जाता है. राजीव कुमार साह न्यास कर्मी ने बताया कि मंदिर से लगातार पानी निकालने के लिए पंप लगाया गया है जिससे पानी मंदिर से निकल जाये और विधिवत पूजा अर्चना किया जा सके

श्रद्धालु हो रहे है उदास
बाढ़ के बीच आम लोगों की आस्था कम नहीं हो रही है. लाख परेशानियां होने के वावजूद भी न सिर्फ लोग भोलेबाबा के दर्शन के लिए मंदिर पहुंच रहे हैं बल्कि यहां मांगलिक कार्यक्रम भी होते दिखाई दिए.

पंडा ने कहा

मंदिर के पांडा बताते हैं कि बाढ़ का पानी बहुत सालों के बाद इतना ज्यादा आया है. पूरा मंदिर बाढ़ के पानी में डूबा है. मंदिर के गर्भगृह में छाती भर पानी होने के कारण वहां प्रवेश करना बेहद जोखिम भरा है ऐसी परिस्थिति में जहं तक आम लोग और पुजारी सुरक्षित रह सकते हैं वहीं से बाबा भोलेनाथ की पूजा कर अपने मन को शांत कर लेते हैं. न्यास समिति द्वारा पंप लगवाया गया है और ये प्रयास किया जा रहा है कि मंदिर परिसर से पानी की निकासी हो जाये जिससे मंदिर में पूजा अर्चना की जा सके.

दरभंगा का कुशेश्वर धाम बाढ़ के पानी में डूबा हैबंद पड़ा मंदिर का द्वार

इलाके में है बाढ़

कुशेश्वर स्थान में पिछले एक महीने से बाढ़ का कहर जारी है. चारो तरफ सिर्फ पानी ही पानी नजर आता है सड़क खेत सब डूब गए हैं, ऐसे में पानी अपना दायरा हर दिन बढ़ा रहा जिसका नतीजा है की मंदिर परिसर में पानी लग गया है.

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