Desk: बिहार में लगातार 7 वीं बार CM बने नीतीश कुमार ने जब पहली बार चुनाव जीता था तब उन्होंने एक एक सराहनीय कदम उठाया था जो था जनता दरबार लगाना. उनका यह जनता दरबार बिहार की राजधानी पटना में हर सोमवार को आयोजित किया जाता था. वहां वे हर एक आम जनता से रुबरु होते थे और उनकी समस्याओं को हल करते थे. जैसे-जैसे वक्त बीतता गया उनका जनता के प्रति जो भाव था वह शायद कम होता गया इसलिए उन्होंने जनता दरबार लगाना बंद कर दिया. लेकिन अब लगता है नीतीश कुमार वापस से जनता और अपने बीच बने इस दूरी को कम करना चाहते हैं. इसलिए वे अब वापस से जनता दरबार लगाने वाले हैं.
जी हां आपने सहीं पढ़ा, सीएम नीतीश कुमार एक बार फिर से अपने सबसे चर्चित कामों में से एक जनता दरबार को वापस से शुरु करने वाले हैं. मीडिया से बातचीत के दौरान सीएम नीतीश ने खुद इसको लेकर अपने विधानसभा स्थित कक्ष में ऐलान किया. वैसे तो पहले जनता दरबार CM House में ही लगता था लेकिन कोरोना काल को लेकर और कुछ निर्माण कार्यों को लेकर अब यह कार्यक्रम मुख्यमंत्री सचिवालय संवाद परिसर में होगा. आपको बता दें कि जनता दरबार अप्रैल या फिर मई के पहले हफ्ते से शुरु हो सकता हैं.
तो वहीं इस संबंध में सीएम नीतीश ने कहा कि जनता दरबार के अपने अनेक फायदे हैं. दरबार लगाने से सीएम को बिहार के अलग-अलग हिस्से से आने वाले लोगों से रूबरू होने का मौका मिलता हैं. उन्हें बिहार भर के अधिकारियों के काम काज का अपडेट मिल जाता हैं. साथ ही बिहार के किस हिस्से की कौन सी बड़ी समस्यां है वो भी पता लग जाती हैं. कुछ राजनीतिकार का यह भी कहना हैं कि जनता दरबार के जरिए नीतीश कुमार अपनी कैंपेन भी डिसाइड करते हैं कि उन्हें अपनी मेनिफेस्टों में क्या सब रखना हैं और अपने किन वादों से जनता को लुभाना हैं. ऐसे में असली वजह क्या हैं वह तो सीएम नीतीश ही जाने लेकिन इससे एक बात तो तय हैं कि जनता को इससे फायदा जरुर मिलता हैं. साथ ही आपको जानकारी दे दें कि जनता दरबार का पूरा फॉरमेट उसी तरह से रहेगा जैसा कि वह पेहले था. सिर्फ जगह बदला गया हैं.