घाट पर भीड़ कम करने को लेकर नई व्यवस्था, व्रतियों को गंगाजल पहुंचाएगा नगर निगम

घाट पर भीड़ कम करने को लेकर नई व्यवस्था, व्रतियों को गंगाजल पहुंचाएगा नगर निगम

Patna: छठ महापर्व पर गंगा घाटों के किनारे अधिक भीड़ न हो और ज्यादातर लोग अपने-अपने घरों में ही छठ की पूजा करें, इसे लेकर जिला प्रशासन ने एक नई पहल शुरुआत की है। रविवार को प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल और डीएम कुमार रवि ने छठ पूजा समितियों, वार्ड पार्षद एवं संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर निर्णय लिया कि प्रत्येक मोहल्ले में नगर निगम के माध्यम से गंगाजल को पहुंचाया जाएगा ताकि लोग गंगा का पानी लेने के लिए घाटों की ओर न जाएं।

घाटों पर भीड़ न हो तथा लोगों को सुविधाजनक तरीके से गंगा का पानी मिल जाए इसलिए प्रशासन ने टैंकर के माध्यम से गंगाजल पहुंचाने का निर्णय लिया है। इसके अलावा प्रत्येक वार्ड सदस्य और पूजा समिति को भी जिम्मेदारी दी गई है कि वे अपने स्तर से भी लोगों को घर पर ही छठ करने के लिए प्रोत्साहित करें ताकि घाटों पर भीड़ न हो सके। आयुक्त ने नगर निगम के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे आकलन कर लें कि गंगा जल पहुंचाने के लिए कितने टैंकरों की जरूरत होगी। किस इलाके में अधिक और किस इलाके में कम टैंकर की आवश्यकता है। उसके अनुसार एक कार्य योजना बनाएं ताकि लोगों को गंगाजल की दिक्कत न हो।

इधर, डीएम ने कहा कि छठ पूजा को देखते हुए समय पर शहर की सफाई होनी चाहिए ताकि व्रत करने वालों को परेशानी न हो। यदि इस दौरान किसी मोहल्ले में गंदगी दिखती है तो स्थानीय लोग वार्ड पार्षद या नगर निगम के कार्यालय में इसकी सूचना दे सकते हैं ताकि उसकी समय पर सफाई कराई जा सके। गंगा घाट के अलावा जो तालाब हैं, वहां भी लोगों से कहा गया है कि छठ करने के लिए अधिक संख्या में नहीं जाएं।

पूजा समितियों ने दिया बड़े घाटों पर आयोजन का सुझाव
छठ पूजा समितियों ने प्रशासन को सुझाव दिया है कि गंगा नदी में जो बड़े घाट हैं वहीं पर छठ के आयोजन करने की अनुमति दी जाए। जो छोटे घाट हैं उसे बंद कर दिया जाय। प्रशासन ने पूजा समितियों के इस सुझाव को अपने पास सुरक्षित रख लिया है तथा एक-दो दिनों में इसपर निर्णय लिया जाएगा।

रविवार को छठ महापर्व को लेकर जिला प्रशासन छठ पूजा समिति और वार्ड पार्षदों की बैठक में जिला प्रशासन की ओर से सुझाव मांगे गए। ज्यादातर छठ पूजा समितियों ने कहा कि जो प्रमुख गंगाघाट हैं, वहां छठ करने की इजाजत दी जाए। हालांकि, वहां भीड़ न हो, इसके लिए पर्याप्त व्यवस्था भी होनी चाहिए। पूजा समितियों का कहना था कि कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए उनके स्तर से भी भीड़ कम करने का प्रयास किया जाएगा। यह आस्था का पर्व है इसीलिए बहुत से ऐसे लोग हैं जिसकी मन्नत गंगा के घाट पर छठ करने की होती है। ऐसी स्थिति में घाटों पर प्रशासन और नगर निगम की ओर से व्यवस्था करनी चाहिए। समितियों के सुझाव को आपदा प्रबंधन कमेटी ने विचार के लिए स्वीकार कर लिया है। एक-दो दिन में इसपर निर्णय लिया जाएगा।

पूजा अर्चना करने की समय अवधि कम रखें
छठ पूजा समिति के सुझाव को प्रशासन ने विचार के लिए रख तो लिया है लेकिन गंगा घाट पर बच्चों, बुजुर्ग एवं गर्भवती महिलाओं के जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। प्रशासन का कहना है कि कोरोना वायरस का संक्रमण अभी है। इसलिए भीड़ होने पर बीमारी का प्रकोप हो सकता है। साथ ही छठ व्रतियों से कहा गया है कि पूजा अर्चना करने की समय अवधि कम रखें ताकि बहुत देर तक घाटों पर भीड़ न हो।

जिला प्रशासन करेगा प्रचार-प्रसार
ज्यादातर लोग घरों पर ही छठ करें, इसके लिए जिला प्रशासन अपने स्तर से प्रचार-प्रसार करेगा। नगर निगम की कचरे वाले वाहन, ई रिक्शा, ऑटो रिक्शा, सरकारी बसें आदि पर बैनर और पोस्टर लगाए जाएंगे। जिसमें लोगों से आग्रह किया जाएगा कि वे घर पर ही छठ करें। प्रशासन इस बार सीमित घाटों पर ही छठ करने की अनुमति दे सकता है इसलिए वहां भीड़ न लगाएं।

महत्वपूर्ण निर्णय :
– घाटों की व्यवस्था को समय रहते दुरुस्त कर दिया जाएगा
– निगम के माध्यम से हर मुहल्ले में पहुंचाया जाएगा गंगा जल
– पानी के टैंकर से हर जगह भेजा जाएगा गंगा जल
– दीपावली के बाद शुरू होगी पानी पहुंचाने की व्यवस्था
– जिनके घर में व्यवस्था है वह घर की छतों पर पूजा करें
– बच्चों और बुजर्ग को घाट पर जाने से रोका जाएगा
– गंगा घाट पर गाड़ी नहीं आने दिया जाएगा
– किसी तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं होगा
– वार्ड पार्षदों को जिम्मेवारी दी जाएगी
– निगम की गाड़ियों के माध्यम से प्रचार प्रसार होगा
– गंगा घाट पर मास्क और सेनेटाइजर की होगी व्यवस्था
– काली घाट की समस्या को समय अनुरूप ठीक करने का निर्देश, स्वच्छ जल लाने का होगा प्रबंध।

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