Patna: थानों में होनेवाली हर गतिविधि पर अब कैमरे की नजर होगी। बिहार के सभी थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम अंतिम चरण में हैं। अबतक 900 थानों में कैमरे लगा दिए गए हैं। राज्य के 1056 थानों में सीसीटीवी कैमरा लगाना है। ये थाने राज्य के 40 जिलों (दो पुलिस जिला शामिल) के अलावा 4 रेल पुलिस जिलों के अधीन हैं।
पुलिस पर हिरासत में प्रताड़ित करने का आरोप अक्सर लगता है। यही वजह है कि थानों के हाजत में भी सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इसके अलावा सरिस्ता (जहां थानों का कामकाज निपटाया जाता है) और उसके अन्य हिस्से भी कैमरे की नजर में होंगे। इससे थानों में आनेवाले लोगों के साथ पुलिस के व्यवहार पर भी नजर रखी जाएगी। थानेदार के कक्ष में एक स्क्रीन लगेगा जिसके जरिए कैमरे में कैद होनेवाली तमाम गतिविधियों को देखा जा सकता है।
थानों में लगनेवाले सीसीटीवी कैमरे की रिकार्डिंग को एक साल तक सुरक्षित रखने की व्यवस्था होगी। लम्बे समय तक रिकार्डिंग को सुरक्षित रखने की वजह साफ है। यदि कोई शख्स महीनों बाद भी पुलिस पर थाने में बदसलूकी या प्रताड़ना का आरोप लगाता है तो उसकी जांच की जा सकेगी।
सीसीटीवी कैमरा यदि बंद हो जाता है तो कंट्रोल रूम में फ्लैश होने लगेगा। कैमरे के बंद होने की सूरत में थाने के अफसरों को जवाब देना होगा। उन्हें आला अधिकारियों को बताना होगा कि सीसीटीवी कैमरा क्यों बंद हुआ। यदि उसे जानबूझकर बंद किया होगा तो ड्यूटी पर तैनात पुलिस अफसर या जवान पर कार्रवाई भी होगी।
थानों की बनावट के हिसाब से सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं ताकि थाना के अंदर से लेकर उसके बाहरी हिस्सों को भी कवर किया जा सके। कई थानों में 12 तो कुछ में 8 कैमरे लगे हैं। बचे हुए 156 थानों में अधिकांश का अपना भवन नहीं है। किसी का भवन बन गया है तो कहीं निर्माण कार्य चल रहा है। थाना शिफ्ट होने के साथ यहां भी सीसीटीवी कैमरे लगा दिए जाएंगे।
राज्य के जिला मुख्यालयों में स्थित नगर थानों के हाजत में दो वर्ष पूर्व सीसीटीवी कैमरे लगे थे पर इसमें से अधिकांश खराब हो गए।