Patna: सीबीआई ने पटना एम्स के दंत चिकित्सा विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. शैलेश मुकुल के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. गुरुवार को भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में FIR दर्ज करने के बाद शैलेश मुकुल के कई ठिकानों पर छापेमारी की गई. मिली जानकारी के अनुसार भ्रष्टाचार से जुड़े कई महत्वपूर्ण साक्ष्य देर रात तक हुई तलाशी के दौरान हाथ लगे हैं. साथ ही बंगलुरु स्थित दांत के इलाज से जुड़े सामान बनाने वाली एक कंपनी के दफ्तर में भी छापेमारी हुई.
दरअसल डॉ. मुकुल पर आरोप है कि उन्होंने मरीजों को अधिक दाम पर दांत के इम्प्लांट में इस्तेमाल होनेवाले सामान मुहैया कराए. इसके लिए एम्स की पर्ची का इस्तेमाल नहीं कर अलग से सादे कागज पर लिखते थे. सामान कहां मिलेगा और किससे खरीदना है, वही बताते थे. तो वहीं आरोप के मुताबिक बंगलुरु की एक कंपनी के पटना स्थित डिस्ट्रीब्यूटर से मिलकर उन्होंने यह रैकेट चला रखा था. इस तरह उन्होंने मरीजों को तय कीमत से कहीं ज्यादा दाम में इलाज के लिए जरूरी सामान उपलब्ध कराए. सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक वर्ष 2013 से 2019 तक यह खेल चलता रहा.
सीबीआई ने गुरुवार को प्राथमिकी दर्ज करने के बाद डॉ. मुकुल के एम्स के आवासीय परिसर स्थित फ्लैट में छापेमारी की. इसके अलावा एम्स स्थित उनके चैंबर को भी खंगाला गया. सूत्रों के मुताबिक उनका चैंबर काफी दिनों से बंद था. इसके अलावा गोविंद मित्रा रोड स्थित फॉर्मा कंपनी के डिस्ट्रीब्यूटर और कंपनी के बंगलुरु स्थित दफ्तर की भी तलाशी ली गई. इस दौरान अधिक दाम पर मरीजों को दांत के इलाज में इस्तेमाल होनेवाले सामान बेचे जाने से जुड़े महत्वपूर्ण कागजात हाथ लगे हैं. हालांकि छापेमारी में क्या बरामद हुआ है इसको लेकर आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है.