Desk: केंद्र सरकार की एजेंसी National Coucil OF Applied Economics Research (NCAER) ने देश के तमाम राजस्व विभाग को लेकर एक सुची जारी की गई हैं. जहां बिहार के राजस्व विभाग को पहला स्थान प्राप्त हुआ हैं. इस सुची में केरल दूसरे और त्रिपुरा तीसरे स्थान पर हैं.
दरअसल बिहार का राजस्व विभाग आमतौर पर अपने लेट लतिफी और रिश्वतखोरी के कारण चर्चाओं में रहता हैं. लेकिन इस बार विभाग की चर्चा अधिकारियों और कर्मचारियों के मेहनत के कारण हो रही हैं. आपको बता दें कि हर साल केंद्र सरकार की एजेंसी NCAER देश के तमाम राज्यों की जमीन संबंधित रिकॉर्ड के कामकाज का मूल्यांकन करती हैं. ये मूल्यांकन हमेशा से चार मानकों पर आधारित होता हैं. जिसमें जमाबंदी में सुधार, नक्शा, डाटा इंट्री और जमान के रिकॉड रखने के आधार पर होता हैं. ऐसे में इस सभी मानकों पर बिहार का राजस्व विभाग खड़ा उतरा हैं जिसकी वजह से उन्हें नंबर 1 स्थान प्राप्त हुआ.
तो वहीं जब इस संबंध में विभाग के मुख्य सचिव से उनका विचार लिया गया तो उन्होंने कहा कि ये अच्छी बात हैं कि राजस्व विभाग को पहला स्थान प्राप्त हुआ हैं. इसके लिए में तमाम अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई देते हुं साथ साथ उनसे ये उम्मीद करता हुं कि वे इस उपलब्धी को हर साल कायम रखें. इस दौरान उन्होंने बताया कि राज्य सरकार का पूरा फोक्स अब कागजों को पेपर लेस करने का हैं. जिसको लेकर सरकार तमाम तरह के कदमे उठा रहे हैं. सिर्फ बिहार की बात करें तो राजस्व विभाग ने एक साल में कुल 3.54 करोड़ जमाबंदियों को ऑलाइन कर दिया हैं. आपको बता दें कि जुलाई 2017 में सरकार ने जमाबंदी पंजियों के कम्प्यूटराईज करने का काम शुरू किया था.