Patna:राजग के रास्ते में लोजपा का अवरोध अगर नहीं आता तो जीत का फासला बड़ा हो सकता था। राजग की सीटों की संख्या बढ़ सकती थी। लोजपा के अड़ंगे के बावजूद राजग के दोनों बड़े दलों के शीर्ष नेतृत्व ने सूझबूझ से तालमेल बनाए रखकर कार्यकर्ताओं को उलझन में पडऩे से बचाया और जीत का मार्ग प्रशस्त किया।
प्रचार अभियान की शुरुआत में कुछ भ्रम के हालात जरूर बने थे, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सघन और साझा प्रचार के जरिए एकजुटता का संदेश नीचे तक पहुंचाया, जिसका फायदा आखिर के दो चरणों में दोनों दलों के प्रत्याशियों को मिला। राजग को सबसे ज्यादा सीटें दूसरे और तीसरे चरण के इलाके में ही मिली हैं। पहले चरण में महागठबंधन को बढ़त थी।
कई धारणाओं को साबित किया गलत
कोरोना के खतरों के बीच देश में पहली बार हो रहे बिहार के इस आम चुनाव ने कई तरह की धारणाओं को भी गलत साबित किया। विधानसभा के पिछले दो आम चुनावों की तुलना में इस बार ज्यादा मतदान हुआ। शहरों और गांवों के बूथों पर भी लंबी-लंबी कतारें देखी गईं। पुरुषों से ज्यादा महिलाओं ने मतदान किया, जिससे राजग को बढ़त मिली।