Patna: देश में कोरोना के खिलाफ जारी टीकाकरण के शुक्रवार को 7 दिन पूरे हो गए। कुल एक करोड़ में से 12.97 लाख हेल्थवर्कर्स को टीके की पहली डोज दी जा चुकी है, यानी 13% हेल्थवर्कर्स कवर हो चुके हैं। इसमें से सिर्फ 1,116 लोगों में हल्के साइड इफेक्ट दिखे थे, जो कि टीका लगवाने वाले कुल हेल्थवर्कर्स के सिर्फ 0.09% हैं। टीकाकरण के मामले में बिहार यूपी, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और दिल्ली से आगे निकलकर देश में सातवें स्थान पर पहुंच गया है।
बिहार को 2 भागों उत्तरी व दक्षिणी बिहार में बांटकर होगा टीकाकरण
बिहार में टीकाकरण की रफ्तार को बढ़ाने के लिए अब राज्य को दो भागाें उत्तर और दक्षिण बिहार में बांटा जाएगा। दो दिन उत्तर में और दो दिन दक्षिण बिहार में टीकाकरण होगा। बिहार में हफ्ते में चार दिन ही टीकाकरण का निर्णय लिया गया है। शनिवार को दक्षिण बिहार के जिलों में टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा। दरअसल टीकाकरण की शुरुआत से ही निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति नहीं पा रही है। इसमें एक बड़ा कारण वैक्सीन के लिए बनाए गए पोर्टल क्रैश होना बताया जा रहा है। पोर्टल पर आधार मिलान नहीं होने से टीकाकरण नहीं हो पाता है।
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव समेत कई अफसरों ने लगवाए टीके
राज्य में कोरोना टीकाकरण की रफ्तार को तेज करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की विशेष रणनीति के तहत विभाग के आलाधिकारियों ने शुक्रवार को कोरोना के टीके लिए। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत, राज्य स्वास्थ्य समिति के निदेशक मनोज कुमार और बीएमएसआईसीएल के एमडी प्रदीप कुमार झा समेत विभाग कई अधिकारियों को कोरोना की वैक्सीन दी गई।
सभी अधिकारियों को आईजीआईएमएस पटना स्थित टीकाकरण केंद्र पर टीके दिए गए। मौके पर प्रधान सचिव ने बताया कि कोरोना का टीका पूरी तरह सुरक्षित है। सभी प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद वैक्सीन को स्वीकृति दी गई है। लोगों में इसकी सुरक्षा को लेकर किसी प्रकार का कोई भ्रम नहीं होना चाहिए। राज्य स्वास्थ्य समिति के प्रशासी पदाधिकारी खालिद अरशद, उप सचिव राजेश कुमार ने भी टीके लगवाए।