बिहार चुनाव में इन 91 विधानसभा क्षेत्रों में निर्वाचन आयोग की पैनी नजर, जानें वजह

बिहार चुनाव में इन 91 विधानसभा क्षेत्रों में निर्वाचन आयोग की पैनी नजर, जानें वजह

Patna: चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव से पहले राज्य के ऐसे 91 विधानसभा क्षेत्रों की पहचान की है, जहां धनकुबेर धनबल का प्रयोग कर सकते हैं। पिछले कई चुनावों में इन विधानसभा क्षेत्रों में बड़ी मात्रा में अवैध राशि पकड़ी गयी है और अवैध लेन-देन की भी सूचना मिली है। आशंका है कि चिह्नित क्षेत्रों में धनकुबेर इस बार भी मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए धनबल का सहारा ले सकते हैं। व्यय संवेदनशील इन क्षेत्रों पर आयोग की पैनी नजर है।

चुनाव आयोग ने इन सभी 91 विधानसभा क्षेत्रों के लिए 67 एक्सपेंडिचर ऑब्जर्वर तैनात किये हैं। चुनाव में अवैध राशि के प्रवाह को रोकना इन अधिकारियों का प्रमुख कार्य होगा। ये ऑब्जर्वर यह ध्यान रखेंगे कि चुनाव मैदान में खड़े प्रत्याशी या उनके समर्थक पैसे से मतदाताओं को प्रभावित न कर पायें। इसके लिए फ्लाइंग स्क्वॉयड टीम व स्टेटिक सर्विलांस टीम के अलावा इन ऑब्जर्वरों की भी नजर रहेगी।

व्यय संवेदनशील क्षेत्रों को चिह्नित करने के लिए कई बातों को देखा गया। पहला आधार यह बनाया गया है कि इन विधानसभा क्षेत्रों में पूर्व के चुनावों में कितनी नगद राशि जब्त की गई। क्षेत्र के मतदाताओं की शैक्षणिक व आर्थिक स्थिति का भी आकलन किया गया है। यह भी देखा गया है कि वहां विगत चुनावों में खड़े होने वाले प्रत्याशियों की आर्थिक पृष्ठभूमि कैसी है और उन्होंने चुनाव पर कितनी राशि खर्च की है।

कुछ जिले में एक भी नहीं तो कुछ में सभी सीटें व्यय संवेदनशील :
व्यय संवेदनशील विधानसभा क्षेत्र की सूची देखें तो कई बातें सामने आती हैं। कुछ जिले ऐसे हैं, जहां एक भी विधानसभा सीट व्यय संवेदनशील नहीं माने गये हैं तो कुछ जिले ऐसे भी हैं जिनके सभी विधानसभा क्षेत्र व्यय संवेदनशील चिह्नित किये गये हैं। उदाहरण के तौर पर राज्य की राजधानी पटना में 14 विधानसभा क्षेत्र में कोई भी व्यय संवेदनशील नहीं माना गया है। मधेपुरा में चार विधानसभा क्षेत्र हैं, लेकिन इनमें से कोई व्यय संवेदनशील नहीं मना गया है। वहीं किशनगंज में चार विधानसभा क्षेत्र हैं और चारों व्यय संवेदनशील की श्रेणी में हैं। खगड़िया के चार विधानसभा क्षेत्र में से कोई भी व्यय संवेदनशील नहीं माना गया है। बांका के पांच विधानसभा क्षेत्र में से कोई भी व्यय संवेदनशील नहीं, लेकिन गया के 10 में से नौ, नवादा के सभी पांच व जमुई के सभी चार विधानसभा क्षेत्र व्यय संवेदनशील माने गए हैं।

आयोग की ओर से चिह्नित विस क्षेत्र और कुल वोटर
वाल्मीकिनगर- 319406 , रामनगर सुरक्षित- 288383, सिकटा- 265141, नौतन- 270286, रक्सौल-268896, नरकटिया-280347, ढाका-310904, रीगा-305189, बथनाहा सुरक्षित- 298157, परिहार-310197, सुरसंड-313920, हरलाखी-282076, खजौली-296654, बाबुबरही-305076, लौकहा-334953, फुलपरास-319276, निर्मली-287533, छातापुर-292692, नरपतगंज-315974, फारबिसगंज-330850, सिकटी-279102, बहादुरगंज-289418, ठाकुरगंज-287474, किशनगंज-290092, कोचधामन-248043, अमौर-308558, बायसी-269030, बलरामपुर-318681, प्राणपुर-287178, मनिहारी सुरक्षित-276921, कुशेश्वर स्थान सुरक्षित-244220, अलीनगर-269235, दरभंगा-300288, जाले-303301, कुढ़नी-290352, मुजफ्फरपुर-314902, बोचहां सुरक्षित-275136, कुचायकोट-313883, भोरे सुरक्षित-330834, हथुआ-295020, जीरादेई-273224, दरौली सुरक्षित-311545, रघुनाथपुर-293381, दरौंधा-314457, एकमा-297059, मांझी-294197, छपरा-321112, राजापाकड़ (सु)-261448, मोरवा-263129, मोहिउद्दीनगर-257540, विभूतिपुर-263761, रोसड़ा सुरक्षित-320390, हसनपुर-284392, मटिहारी-328249, पिरपैंती सुरक्षित-331719, कहलगांव-327923, धौरिया सुरक्षित-288802, कटोरिया सुरक्षित-251159, शेखपुर-247883, बरबीघा-218579, संदेश-283034, बरहारा-303399, शाहरपुर-309583, ब्रह्मपुर-331661,बक्सर-280912, राजपुर सुरक्षित-319079, रामगढ़-272405, चैनपुर-307795, चेनारी सुरक्षित-296790, नवीनगर-267782 और कुटुम्बा सुरक्षित-257970

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