Patna: नेशनल शूटर श्रेयसी सिंह तथा उनकी मां व पूर्व सांसद पुतुल सिंह बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर जल्दी ही RJD के साथ सियासत के मैदान में विरोधियों पर निशाना लगा सकतीं हैं. आपको बता दें कि श्रेयसी पूर्व केंद्रीय मंत्री दिग्विजय सिंह व पूर्व सांसद पुतुल सिंह की बेटी हैं. माना जा रहा है कि चार सितंबर को जमुई स्थित उनके आवास पर समर्थकों की बैठक में इसपर अंतिम निर्णय लिया जा सकता है.
पुतुल सिंह ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी से अलग होने के बाद अभी वे किसी दल में नहीं हैं. कहीं जाना होगा तो समर्थकों की बैठक के बाद ही अंतिम निर्णय लेंगीं. पुतुल सिंह ने अभी इस बाबत कुछ भी बताने से इनकार किया है.
बांका या अमरपुर सीट से चुनाव लड़ सकती हैं श्रेयसी सिंह
सूत्र बताते हैं कि पुतुल सिंह आरजेडी में अपने पांच समर्थकों को बांका, भागलपुर और मुंगेर संसदीय क्षेत्रों की विधानसभा सीटों से प्रत्याशी बनाना चाह रहीं हैं. आरजेडी ने इनमें तीन पर हरी झंडी भी दे दी है. संभावना है कि कम से कम एक सीट और मिलने पर उनकी आरजेडी में एंट्री हो सकती है. सूत्रों के अनुसार, उन्होंने आरजेडी से बांका, अमरपुर, सुल्तानगंज, धोरैया तथा जमुई की एक सीट मांगा है. इनमें बांका या अमरपुर सीट से उनकी बेटी व नेशनल शूटर श्रेयसी सिंह भी चुनाव मैदान में उतर सकती हैं.
राजनीति में दिलचस्पी, मां के लिए कर चुकीं हैं चुनाव प्रचार
श्रेयसी सिंह शूटिंग प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व करती रहीं हैं. उन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 में भारत के लिए गोल्ड मेडल हासिल किया था. उनका अगला लक्ष्य ओलंपिक में भारत के लिए गोल्ड जीतना है. हालांकि, राजनीति में भी उनकी दिलचस्पी रही है. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने अपनी मां पुतुल सिंह के लिए चुनाव प्रचार किया था. हालांकि, वे चुनाव हार गईं.
पुतुल सिंह को बीजेपी ने छह साल के लिए कर दिया था निष्कासित
पुतुल सिंह ने अपने पति व बांका के पूर्व सांसद दिग्विजय सिंह के निधन के बाद 2010 के उपचुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में बांका से लोकसभा चुनाव जीता था. बाद में वे बीजेपी में शामिल हो गईं. साल 2014 में पुतुल सिंह बांका से बतौर बीजेपी प्रत्याशी आरजेडी के जयप्रकाश यादव से हार गईं. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बांका की सीट राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में जनता दल यूनाइटेड के खाते में चली गई. इससे नाराज पुतुल सिंह निर्दलीय चुनाम मैदान में कूद गईं. इसके बाद पुतुल सिंह को बीजेपी ने पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया था.