Desk: अयोध्या में बनाए जा रहे भव्य राम मंदिर के निर्माण की प्रक्रिया जारी है. इस बीच बुधवार को श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से रामजन्मभूमि पर 70 एकड़ इलाके का नक्शा जारी किया गया. ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने अपने फेसबुक पेज पर 36 पेज का विकास प्रारूप जारी किया है, जिसमें जानकारी दी गई है कि इस परिसर में मंदिर के अलावा क्या-क्या बनेगा.
राम मंदिर के प्रथम प्रारूप के निर्माण एवं विकास में मुख्य मंदिर, मंदिर परिसर, तीर्थक्षेत्र परिसर का विकास शामिल है, जबकि दूसरे में धरोहर संवर्धन के तहत अयोध्या तीर्थक्षेत्र के संलग्न श्रद्धा केंद्र का विकास शामिल किया गया है.
जानकारी के मुताबिक, मंदिर के निर्माण का एरिया 57400 वर्गफीट में होगा. राममंदिर निर्माण में प्राकृतिक सामग्री का अधिकतम उपयोग किया जाएगा, इसमें बनने वाले भवनों का निर्माण पर्यावरण मानकों के अनुसार होगा. साथ ही कलाकृतियों, धरोहरों का संरक्षण भी किया जाएगा.
राम जन्मभूमि के 70 एकड़ वाले इलाके में क्या-क्या होगा…
- राम मंदिर में कुल पांच शिखर और 12 द्वार होंगे. जिसके तहत 2.7 एकड़ में मुख्य मंदिर का निर्माण होगा, मंदिर का कुल निर्मित क्षेत्र 57400 वर्गफीट होगा.
- राम मंदिर में कुल पांच मंडप होंगे, मंदिर की लंबाई 360 फीट व चौड़ाई 235 फीट होगी. मंदिर की शिखर सहित ऊंचाई 161 फीट तय है.
- राम मंदिर में कुल तीन तल होंगे, प्रत्येक तल की ऊंचाई 20 फीट होगी. मंदिर के भूतल में स्तंभों की संख्या 160, प्रथम तल में स्तंभों की संख्या 132 व दूसरे तल में 74 स्तंभ होंगे.
- श्रीरामलला पुराकालिक दर्शनमंडल प्रकल्प में जन्मभूमि संग्रहालय होगा, जिसमें उत्खनन में प्राप्त शिलालेखों एवं पुरावशेषों की प्रदर्शनी होगी.
- श्रीरामकीर्ति में सत्संग भवन सभागार, गुरू वशिष्ठ पीठिका में वेद, पुराण, रामायण एवं संस्कृत अध्ययन-अनुसंधान अनुक्षेत्र होगा.
- भक्तिटीला में ध्यान एवं मनन निकुंज, तुलसी प्रकल्प में रामलीला केंद्र, 360 डिग्री थियेटर, रामदरबार में प्रोजेक्शन थियेटर, माता कौशल्या वात्सल्य मंडप में प्रदर्शनी कक्ष होंगे.
- झांकियों का परिसर, रामांगण में बहुआयामी चलचित्रशाला, रामायण प्रकल्प में आधुनिक सुविधा संपन्न पुस्तकालय, ग्रंथागार एवं वाचनालय होगा.
- इसके अलावा बलिदानी लोगों की याद में भव्य स्मारक भी होगा. तीर्थयात्रियों की सुविधा के विशेष इंतजाम भी किए जाएंगे.
- यहां अमानती कक्ष, सौर ऊर्जा पटल, जनरेटर, ऊर्जा उत्पादन केंद्र, स्वाचलित सीढ़ियां, लिफ्ट, आपातकालीन चिकित्सा सहायता केंद्र आदि होंगे.