Desk: गृहमंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुए नक्सली हमले के बाद अपना असम दौरा रद्द कर दिया है. सूत्रों ने बताया कि इस हमले को लेकर शाह ने असम से लौटकर दिल्ली में एक बड़ी बैठक की. शाह ने यहां MHA और CRPF के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की. बताया जा रहा है कि इस बैठक में स्पेशल डीजी संजय चंदर भी मौजूद रहे. माना जा रहा है कि इस मीटिंग में नक्सलियों के खिलाफ बड़ा एक्शन लेने की रणनीति बन सकती है. सूत्रों की मानें तो इस हमले की जांच का जिम्मा NIA को सौंपा जा सकता है.
गृहमंत्री अमित शाह रविवार को असम में थे. उन्हें वहां रैलियां करनी थीं. लेकिन बीजापुर की घटना के बाद वो वहां से जल्दी लौट गए. पहले शाह को 8 बजे दिल्ली वापस आना था, लेकिन बीजापुर में नक्सली हमले के चलते वो जल्दी ही पहुंच गए. इस बैठक में गृह सचिव सीआरपीएफ के अधिकारी खुफिया विभाग के अधिकारी और ज्वाइंट सेक्रेटरी LWE शामिल होने की खबर है.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सली कमांडर हिडमा के छिपे होने की जानकारी सुरक्षाबलों को मिली थी. जिसके बाद शुक्रवार शाम को सुरक्षाबलों ने बीजापुर और सुकमा बॉर्डर पर पड़ने वाले जोनागुडा इलाके में ऑपरेशन शुरू किया. लेकिन तभी नक्सलियों ने सुरक्षाबलों पर गोलियां चलानी शुरू कर दीं. नक्सलियों ने तीन तरीके से सुरक्षाबलों पर हमला किया. पहला बुलेट से, दूसरा नुकीले हथियारों से और तीसरा देसी रॉकेट लॉन्चर से. इस हमले में 200 से 300 नक्सली शामिल थे. इस हमले में सुरक्षाबलों के 22 जवान शहीद हुए हैं, जबकि कई घायल हो गए हैं. करीब 15 नक्सलियों के भी मारे जाने की खबर है.
छत्तीसगढ़ में तीन साल में 970 नक्सली घटनाएं
2 फरवरी 2021 को लोकसभा में नक्सली घटनाओं को लेकर सरकार से जानकारी मांगी गई थी. गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी ने इसका जवाब दिया था. उनके मुताबिक देश के नक्सल प्रभावित इलाकों में नक्सली घटनाओं में कमी आ रही है. गृह मंत्रालय के मुताबिक, 2018 में देशभर में 833 नक्सली घटनाएं दर्ज हुई थीं, जो 2019 में घटकर 670 और 2020 में घटकर 665 हो गईं.
हालांकि, छत्तीसगढ़ में 2019 की तुलना में 2020 में नक्सली घटनाएं बढ़ी हैं. लोकसभा में दिए जवाब में सरकार ने बताया कि छत्तीसगढ़ में 2018 से लेकर 2020 तक तीन सालों में 970 नक्सली घटनाएं हुई थीं, जिनमें सुरक्षाबलों के 113 जवान शहीद हुए थे. वहीं, 2019 में छत्तीसगढ़ में 263 नक्सली घटनाएं दर्ज हुई थीं, जो 2020 में करीब 20% बढ़कर 315 हो गईं. जबकि, 2019 में नक्सली हमलों में छत्तीसगढ़ में 22 जवान शहीद हुए थे और 2020 में 36 जवानों की जान गई.