Patna: बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) से पहले सियासत अपने चरम पर है. एक तरफ जहां कई राजनीतिक गठबंधन व पार्टियां अपने कार्यक्रम तय कर रही हैं वहीं दूसरी तरफ महागठबंधन के भीतर घमासान मचा हुआ है. हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने 25 तारीख के बाद अलग रुख अपना लेने का एलान तो पहले ही कर दिया था. पर शनिवार को एक नया फार्मूला देते हुए महागठबंधन के अलावा दूसरा गठबंधन तैयार करने की बात कहकर आरजेडी (RJD) को सकते में डाल दिया है. मांझी ने ऐलान करते हुए कहा कि 25 जून तक अगर आरजेडी कोऑर्डिनेशन कमिटी बनाने की बात पर सहमत नहीं होती है तो बिना आरजेडी के ही एक अलग गठबंधन तैयार होगा.
मांझी का क्या है फार्मूला?
जीतन राम मांझी ने नए गठबंधन की बात करते हुए बताया कि 2019 से ही कोऑर्डिनेशन कमिटी बनाने की मांग कर रहे हैं. गठबंधन के अंदर 5 दलों में चार दल सहमत हैं जबकि इकलौता आरजेडी इस पर कोई बात करना नहीं चाहता. मांझी ने कहा हमारी पार्टी के अलावा उपेंद्र कुशवाहा की रालोसपा, मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी भी साथ है. इस नए गठबंधन में कांग्रेस को भी लेने की बात होगी. पांच दलों में आरजेडी के जाने से जो नुकसान होगा उसे भरपाई करने के लिए सीपीआई से बात हो चुकी है और वह साथ आने को तैयार है.
आरजेडी मान गई तो ठीक…मांझी ने आरजेडी पर आरोप लगाते हुए कहा कि हर चुनाव में अंतिम दिनों में सीटों का फैसला होता है जिसके कारण उम्मीदवार ठीक से तैयारी नहीं कर पाते इसलिए पहले से सब कुछ तैयार कर लेना जरूरी है. हालांकि जीतन राम मांझी ने साथ में यह भी कहा अगर आरजेडी बात मान लेती है तो फिर कोई दिक्कत नहीं.
आरजेडी ने मांझी को दिलाई बेटे की याद… वहीं, जीतन राम मांझी के अलग गठबंधन तैयार करने की बात पर भड़कते हुए आरजेडी ने बेटे को एमएलसी बनाने की बात याद कराई है. आरजेडी नेता मृत्युंजय तिवारी ने जीतन राम मांझी पर हमला बोलते हुए कहा की अगर आपस मे कोआर्डिनेशन नहीं होता तो फिर जीतन राम मांझी के पुत्र को आरजेडी अपने कोटे से एमएलसी कैसे बनाती. मृत्युंजय तिवारी ने आगे कहा कि बिना आरजेडी के कोई गठबंधन तैयार करने ककी बात सिर्फ सपना है. अगर ऐसी बात कोई सोचता है तो गठबंधन को नुकसान पहुंचा कर एनडीए को फायदा पहुंचाना चाहता है.