Desk: बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आज से दो दिन पहले ही सरकार पर भ्रष्टाचार को लेकर जमकर हमला बोला था. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि बिहार सरकार भ्रष्टाचारियों का गढ़ बन चूका है और सरकारी विभाग भ्रष्टाचार का अढ़्ढ़ा.
ऐसे में ये बात अभी राजनीतिक उफान पर चल ही रही थी कि एक ऐसा मामला सामने आ गया जिसने तेजस्वी के बातों पर यकिन करने के लिए सबको विवश कर दिया. दरअसल बिहार के तत्कालिन राजस्व कार्मचारी के उपर एक दो नहीं ब्लकि पूरे 9.7 करोड़ के भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया गया हैं. ये मामला निगरानी अन्वषेण ब्यूरो ने लगाया हैं.
आपको बता दें कि पिछले महीने 24 फरवरी को निगरानी अन्वषेण ब्यूरो ने राजस्व कार्मचारी मनीष कुमार को 50 हजार रुपए रिशवत लेते रंगे हाथ पक़ड़ा था. ऐसे में मनीष को गिरफ्तार कर लिया गया और उसके आय कि छानबीन शुरु कर दी गई. इस जांच के दौरान निगरानी अन्वषेण ब्यूरो को पता चला कि मनीष और उसकी पत्नी के नाम से करीब 9.7 करोड़ रुपए अलग अलग जगल निवेश किए गए है.
जांच के दौरान पता लगा कि मनीष और उसकी पत्नी ने कई अलग अलग जगह अपने पैसे लगाए थे. जिसमे कि 25 जगहों पर जमीन लेना, LIC में निवेश करना, गाड़ी खरीदना, कोल्ड स्टोरेज और विभिन्न बैंक खातों में राशि जमा रखी गई थी.
ऐसे में एक आम राजस्व कर्मचारी के पास से इतनी बड़ी संख्या में पैसों का निवेश के बारे में पता लगते ही सरकार से लेकर विभाग तक सब हिल गए है. अब एक बात तो तेए है कि सरकार एक बार फिर से इस मुद्दे को लेकर विपक्षों के द्वारा घिरने वाली हैं.