Desk: देश में कोरोना की मार से लोग पहले से ही काफी त्रस्त है ऐसे में पेट्रोल-डीजल की दामों में वृद्धि ने आम जनता का खून सूखा दिया दिया है. आलम ये है कि 2020 भले ही पूरी दुनिया के लिए एक कष्टदाई साल रहा हो लेकिन 2021 लगता है भारत के आम जनता के लिए ही कष्टदाई होने वाला हैं.
दरअसल बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के लोगों का जीवन और कठिन होने वाला है. मुजफ्फरपुर में निजी बसों का किराया 1 मार्च से बढ़ सकता है. बिहार मोटर ट्रांसपोर्ट फेडरेशन ने इसके बड़े संकेत दिए हैं. फेडरेशन ने किराये में 15 से 20 % वृद्धि की संभावना जताई है. साथ ही फेडरेशन ने ऑटो के किराये में भी 20 से 25 % की बढ़ोतरी होने की बात कहीं हैं. फेडरेशन इसकी औपचारिक घोषणा शीघ्र ही करने वाला हैं.
तो वहीं इस संबंध में फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष उदय शंकर ने कहा कि किराया बढ़ाना जरुरी नहीं ब्लकि मजबूरी हो गई है. देश में बस संचालकों की भी लॉकडाउन ने आर्थिक कमर तोड़ दी है. इसके अलावा जिलाध्यक्ष मुकेश शर्मा ने बताया कि फेडरेशन ने आखरी बार 2018 में किराये बढ़ाए थे तब डीजल की कीमत 65 रुपये थी. ऐसे में अगर वह किराया नहीं बढ़ाएंगे तो उन्हें भारी नुकशान का सामना पड़ेगा.
जानकारी के अनुसार जल्द ऑटो का भी सफर महंगा होने वाला हैं. मुजफ्फरपुर ऑटो रिक्शा कर्मचारी संघ ने डीजल की कीमत में वृद्धि को लेकर बैठक बुलाई है. ये बैठक रविवार को होगी जहां किराया वृद्धि पर निर्णय लिया जाएगा. तो वहीं संघ के अध्यक्ष ने बताया कि 20-25 % तक की वृद्धि हो सकती है. डीजल समेत हर सामान की कीमत आसमान पर है. ऐसे में किराया बढ़ाने के सिवा कोई उपाय नहीं बचा है.
फिलहाल सरकारी बसों का किराया नहीं बढ़ेगा. ऐसे इसलिए क्योंकि पटना मुख्यालय से इस संबंध में मुजफ्फरपुर प्रक्षेत्र को अब तक कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है. दरअसल किराया वृद्धि का निर्णय मुख्यालय स्तर से होता है.