Patna:लॉकडाउन के दौरान कई लोगों के नौकरी छूट जाने के बाद से वे सभी लोग अपने प्रदेश वापस आ गए है. ऐसे में इन सभी प्रवासी श्रमिकों को अब बच्चों की पढ़ाई की चिंता नहीं सताएगी क्योंकि राज्य सरकार ने प्रवासी श्रमिकों के बच्चों को मुफ्त में नामांकन (Free Education) करवाने की योजना बना ली है. दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र, जयपुर, उड़ीसा, कोलकाता से लाखों की संख्या में पहुंचे प्रवासी श्रमिकों के बच्चों का सर्वे करवाया जाएगी और सूची तैयार कर सभी बीईओ, डीईओ शिक्षा विभाग को भेजेंगे. इसके आधार पर नामांकन लेने का फैसला लिया जाएगा.
शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बतौर पूरे मामले को लेकर जल्द बैठकें भी बुलाई है और उसके बाद रणनीति तैयार कर सभी डीईओ को आदेश जारी किया जाएगा. प्राथमिक शिक्षा निदेशक डॉ रणजीत कुमार सिंह ने न्यूज़ 18 को जानकारी देते हुए बताया कि शिक्षा विभाग प्रवासी श्रमिकों के बच्चों को मिशन के तहत नामांकन करवाने की कार्य योजना बनाने में जुटा है और जुलाई प्रथम सप्ताह से सरकारी स्कूलों में नामांकन की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी. इसमें सभी प्रवासी श्रमिकों के बच्चों का मुफ्त में नामांकन लिया जाएगा और सभी बच्चों को सरकार के तरफ से मिलनेवाली छात्रवृति,पोशाक या अन्य योजनाओं का लाभ भी दिया जाएगा.
उन्होंने यह भी कहा कि जिन बच्चों में जो भी योग्यता होगी उन्हें उसी आधार पर वर्ग में दाखिला लिया जाएगा ताकि सिलेबस समझने में कठिनाई न हो. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अबतक राज्य में 20 लाख 70 हजार प्रवासी श्रमिक कोरोना काल मे बिहार पहुंचे हैं जिनमें 80 प्रतिशत श्रमिक दुबारा परदेश जाना नहीं चाहते हैं ऐसे में उनके बच्चे शिक्षा से महरूम ना रहे इसको लेकर सरकार ने इसे मिशन के तौर पर लक्ष्य तय किया है.
माना जा रहा है कि पहले से राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले पौने 2 करोड़ बच्चों के अलावे तकरीबन साढ़े 4 लाख और बच्चों का बोझ पड़ेगा. शिक्षा विभाग के पास कई जिलों से प्राइवेट स्कूल संचालकों का भी प्रस्ताव पहुंच रहा है जो अपने स्कूल में आरटीई के तहत 25 प्रतिशत कोटा में इन प्रवासी श्रमिकों के बच्चों का मुफ्त में नामांकन लेना चाह रहे हैं. सरकार ने निजी स्कूल संचालकों को न सिर्फ नामांकन लेने की अनुमति दी है बल्कि पहल की सराहना भी की है.