Patna: बड़ा फैसला लेते हुए पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने बिहार स्टाफ सलेक्शन कमीशन (Bihar Staff Selection Commission) द्वारा ग्रुप डी के इंटर स्तरीय प्रतियोगिता की मुख्य परीक्षा पूर्व की कार्यक्रम के अनुसार 13 दिसंबर को कराए जाने का निर्देश दिया है. बिहार स्टाफ सिलेक्शन कमीशन की अपील पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए स्पष्ट किया कि इस अपील के परिणाम पर अंतिम रिजल्ट निर्भर करेगा. कोर्ट ने कहा कि इन पदों पर भर्ती के लिए 2014 में ही विज्ञापन निकाला गया था. अब ऐसे भी काफी विलंब हो गया है.
इससे पूर्व सिंगल बेंच ने 2018 में ली गई पीटी परीक्षा के मॉडल आंसर एक सप्ताह में प्रकाशित करने का निर्देश आयोग को दिया था. साथ उम्मीदवारों से आपत्तियां मांगने के साथ एक्सपर्ट कमेटी गठित कर इसकी जांच करने का भी निर्देश आयोग को कोर्ट ने दिया था. इस आदेश को चुनौती देते हुए आयोग ने अपील दायर किया,चीफ जस्टिस की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए उक्त आदेश दिया. कोर्ट ने आयोग को पूर्व निर्धारित 13 से मुख्य परीक्षा आयोजित करने का निर्देश दिया. साथ ही ये भी कहा कि इस अपील के फलाफल पर इस मुख्य परीक्षा का रिजल्ट निर्भर करेगा. इस मामले पर अगली सुनवाई जनवरी 2021 में होगी.
50 फर्जी अभ्यर्थी गिरफ्तार
बिहार पुलिस सिपाही भर्ती शारीरिक दक्षता परीक्षा में फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है. मामला सामने आने के बाद इसके तहत हुई कार्रवाई में 50 फर्जी अभ्यर्थियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. इसके साथ ही दो दलाल भी पकड़े गए हैं. सबों को गिरफ्तार कर गर्दनीबाग पुलिस को सौंपा गया है. मिली जानकारी के अनुसार इन सभी को आज जेल भेज दिया जाएगा. बिहार पुलिस सिपाही भर्ती की शारीरिक दक्षता परीक्षा में शामिल होने वाले ये सभी आरोपित कागजातों की जांच के दौरान पकड़े गए. कागजातों के सत्यापन में न तो इनकी फोटो मिली और न ही बायोमीट्रिक अंगूठे का निशान मिला. माना जा रहा है कि लिखित परीक्षा में सभी ने अपनी जगह सॉल्वरों को बैठाया था.
पकड़े गए सभी अभ्यर्थियों को केंद्रीय चयन पर्षद की ओर से गर्दनीबाग थाने की पुलिस के हवाले कर दिया गया है. इनके खिलाफ धोखाधड़ी की एफआईआर भी दर्ज कराई गई है. गिरफ्तार किए गए आरोपितों से पुलिस पूछताछ कर रही है. बता दें कि यह पहला मौका नहीं है, इससे पहले भी दर्जनों अभ्यर्थी इस तरह के फर्जीवाड़े में पकड़े गए हैं.