Patna:कोरोना और बाढ़ के बीच हो रहे बिहार चुनाव के चरण निर्धारण में चुनाव आयोग ने दोनों का बखूबी ध्यान रखा है। जहां कोरोना की ज्यादा मार है या बाढ़ का अधिक असर रहा, आयोग ने ऐसे 10 जिले छांटे हैं और इनके विधानसभा क्षेत्रों को दो फेज में बांट दिया है। चुनाव के प्रथम चरण में दक्षिण बिहार के जिन 16 जिलों को चुना है उनमें एक भी बाढ़ प्रभावित नहीं है और इनमें कोराना एक्टिव मरीज भी कम हैं।
कोरोना और चुनाव
जिन 10 जिलों में दो फेज में चुनाव हो रहा है उनमें पटना, मुजफ्फरपुर और भागलपुर कोरोना केस के मामले में शीर्ष तीन जिले हैं। पटना व भागलपुर में पहले और दूसरे तथा मुजफ्फरपुर में दूसरे और तीसरे चरण में मतदान होगा।
बाढ़ और चुनाव
20 जुलाई के बाद से 16 जिले बाढ़ की चपेट में थे। 83 लाख से अधिक आबादी बाढ़ से प्रभावित थी। 5 लाख से अधिक आबादी को विस्थापित करना पड़ा। बाढ़ ने 1333 पंचायतों को चपेट में लिया था।
{बाढ़ प्रभावित 16 जिलों में से पहले चरण के मतदान में 1 भी जिला शामिल नहीं है। 7 जिलों-सीतामढ़ी,दरभंगा, मुजफ्फरपुर,पूर्वी व पश्चिमी चंपारण, समस्तीपुर, मधुबनी में दो फेज (दूसरे व तीसरे) में चुनाव होगा। शेष 9 जिलों में से शिवहर, ,गोपालगंज,खगड़िया, सारण व सिवान में दूसरे चरण में एक ही दिन और सुपौल, किशनगंज,,मधेपुरा और सहरसा में तीसरे चरण में एक दिन में चुनाव होगा।
{टॉप 10 कोरोना केस वाले जिलों में 5 पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, पूर्वी चंपारण और मधुबनी में 2 फेज में हो रहा चुनाव। इनमें पूर्वी चंपारण और मधुबनी में कोरोना और बाढ़ की दोहरी मार पड़ी है। 16 जिलों में कोरोना मरीजों की संख्या 300 से नीचे है। ये जिले गया, रोहतास, भोजपुर, औरंगाबाद, बक्सर, मुंगेर, जहानाबाद, नवादा, लखीसराय, बांका, शेखुपरा, जमुई, अरवल और कैमूर है। इनमें टॉप-10 जिलों में गया ही शामिल। }