Patna: कोरोना (CoronaVirus) को लेकर बिहार में एक और कारनामा सामने आया है। अररिया के फारबिसगंज में आइसोलेशन सेंटर में रखे गए एक युवक का आरोप है कि बगैर जांच के ही उसे कोरोना पॉजिटिव (Corona Positive) करार दे दिया गया है। जब युवक की बात अधिकारियों ने नहीं सुनी, तब उन्होंने सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल (Video Viral) कर अपनी बात रखी है। वीडियो में वे कह रहे हैं कि उनकी जांच नहीं हुई है, पहले जांच कराइए, फिर पॉजिटिव मिलने पर भर्ती कीजिए। दूसरी ओर संबंधित अधिकारी युवक के आरोपों को गलत करार देते हुए उन्हें कोरोना पॉजिटिव बता रहे हैं।
बिना जांच कोरोना पॉजिटिव बता कर रहे इलाज
अररिया जिलेे के कुर्साकांटा के रहने वाले चंदन कुमार मंडल (Chandan Kumar Mandal) का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया है। वीडियो में वे आरोप लगा रहे हैं कि बिना जांच के ही उन्हें कोरोना पॉजिटिव बता दिया गया है। इतना ही नहीं, इसके बाद उन्हें जबरन फारबिसगंज के आइसोलेशन सेंटर में भर्ती भी कर दिया गया है। वीडियो में चंदन साफ तौर पर कह रहे हैं कि वे जांच कराने अस्पताल गए थे, जहां उनका नाम-पता दर्ज करने के बाद बताया गया कि जांच किट खत्म हो गया है। सैंपल लेने के लिए दूसरे दिन बुलाया गया, लेकिन इसी बीच मोबाइल पर जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने का मैसेज आ गया। इसके बाद फोन कर आइसोलेशन सेंटर में भर्ती होने की बात कही गई। चंदन के अनुसार, इसके बाद वे जांच के लिए कुर्साकांटा अस्पताल गए तो वहां जांच करने के बदले जबरन फारबिसगंज लाकर भर्ती कर इलाज किया जा रहा है।
सिविल सर्जन बोले: गलत है युवक का आरोप
घटना की बाबत अररिया के सिविल सर्जन डॉ. मदन मोहन प्रसाद सिंह ने कहा कि युवक के आरोप गलत हैं। जांच हुई और रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद ही भर्ती किया गया। अररिया के एसीएमओ डॉ. सीपी मंडल ने भी कहा कि बिना जांच के रिपोर्ट आना संभव नहीं है। फिर भी आरोप लगा है तो मामले की छानबीन की जा रही है। फारबिसगंज के कोरोना सेंटर के नोडल पदाधिकारी डॉ. मोईज ने कहा कि युवक काे आइसोलेशन की अवधि पूरी करनी ही होगी।