Patna:बिहार में शनिवार की सुबह बड़ा हादसा (Accident) हुआ है. पटना के पुनपुन के पास जनशताब्दी एक्सप्रेस (Jan Shatabdi Expess) व कार के टकरा जाने से चार लोगों की घटना-स्थल पर ही मौत (On Spot Death) हो गई. मृतकों में तीन की पहचान कर ली गई है. दुर्घटना में गंभीर रूप से घायलों को देखते हुए मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है. गंभीर रूप से घायल चार लोगों को इलाज के लिए पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (PMCH) भेजा गया है.
ट्रैक पर फंसी बोलेरो से टकराई जनशताब्दी एक्सप्रेस
जानकारी के अनुसार शनिवार की सुबह एक कार एक अवैध रेलवे क्रॉसिंग पार करते वक्त पटरी पर ही फंस गई. इसी बीच पटना से रांची जाने वाली जनशताब्दी एक्सप्रेस आ गई. ट्रेन के चालक ने इमरजेंसी ब्रेक लगाई, लेकिन दुर्घटना हो ही गई. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार टक्कर के बाद जोर धमाके की आवाज दूर गांव तक गई. गाड़ी का पिछला हिस्सा उड़कर पास की झाड़ियों में जा गिरा.
मृतकाें में तीन की पहचान, कई घायल
ट्रेन के कार से टकराने पर भयानक आवाज हुई. इस दौरान ट्रेन भी पूरी तरह हिल गई. आवाज सुन आसपास के लोग दौड़े. उन्होंने बोलेरो सवार लोगों को तत्काल मदद दी, लेकिन चार की मौके पर ही मौत हो चुकी थी. बोलेरो में कितने लोग सवार थे, फिलहाल स्पष्ट नही हो सका है. अभी तक मिली जानकारी के अनुसार पास के ही धरहरा के सुरेन्द्र सिंह की बेटी, दामाद और नाती की मौके पर मौत हुई है.
दिल्ली में सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे दंपती
हादसे की शिकार गाड़ी दिल्ली में निबंधित है. गाड़ी पर सवार सुरेन्द्र बिहारी सिंह (42 वर्ष) व निलिका बिहारी सिंह (35 वर्ष) के साथ उनकी बेटी ब्रेभो कुमारी (3 वर्ष) की घटनास्थल पर ही मौत हो गई. यह परिवार धरहरा गांव से अपने घर पटना के बोरिंग रोड लौट रहा था कि रास्ते में हादसा हो गया. धरहरा में सुरेंद्र बिहारी सिंह का ससुराल था. स्वजनों ने बताया कि दोनों पति-पत्नी नोएडा में सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे.
घटना स्थल पर लोगों ने बनाया था अवैध रास्ता
रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) राजेश कुमार ने बताया कि नदवा स्टेशन के पास हादसा हुआ है. रेलवे ट्रैक पर अचानक आई कार से ट्रेन की टक्कर हुई है. उनके अनुसार जहां दुर्घटना हुई है, वहां कोई रेलवे फाटक नहीं है. वहां ग्रामीणों ने अपने स्तर से रास्ता बना दिया है.
घटना स्थल पर स्थानीय लोगों की भारी भीड़
घटना-स्थल पुनपुन स्टेशन से पांच किमी और पटना जंक्शन से करीब 20 किमी दूर है. रेलवे ट्रैक को खाली करने का काम किया जा रहा है. जीआरपी के साथ रेल अधिकारी भी मौके पर मौजूद हैं. इसमें स्थानीय लोगों की मदद ली जा रही है.