बाल-बाल बचे तेजस्वी, रुपेश के परिजनों से जा रहे थे मिलने, तभी काफिले में शामिल 10 गाड़ियां आपस में टकराई

बाल-बाल बचे तेजस्वी, रुपेश के परिजनों से जा रहे थे मिलने, तभी काफिले में शामिल 10 गाड़ियां आपस में टकराई

Patna: इंडिगो के स्टेशन मैनेजर रुपेश सिंह हत्याकांड के बाद रविवार को उनके परिजनों से मिलने सारण के जलालपुर जा रहे प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के काफिले में शामिल 10 गाड़ियां आपस टकरा गईं। इस हादसे में तेजस्वी बाल-बाल बच गए। टक्कर के बाद काफिले में शामिल कई गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं। काफिले की गाड़ियों में बैठे किसी शख्स को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। यह हादसा गड़खा-मानपुर रोड में मठिया कमालपुर के पास दोपहर करीब पौने तीन बजे हुआ। मठिया कमालपुर में तेजस्वी से मिलने के लिए कई कार्यकर्ता फूल-माला लिए खड़े थे। बताया जाता है कि आगे की एक गाड़ी अचानक रुक गई, जिससे पीछे की 10 गाड़ियां एक-दूसरे से टकरा गईं।

गड़खा-मानपुर रोड में रामगढ़ा, बसंत, मुरा पुल, चिंतामनगंज सहित दर्जनों जगह पर सड़क के किनारे कार्यकर्ता तेजस्वी यादव के स्वागत में खड़े थे। लेकिन तेजस्वी जलालपुर जाने के क्रम में कहीं भी कार्यकर्ताओं से नहीं मिले। जलालपुर पहुंच तेजस्वी यादव ने रुपेश सिंह के परिजनों से मुलाकात की। रुपेश की पटना के पुनाईचक में 12 जनवरी को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अभी तक इस मामले में किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

तेजस्वी ने रुपेश के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दी। उससे पहले मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि ‘सुशासन के गुंडों’ ने रूपेश सिंह की हत्या की है। मैं रुपेश जी के बुजुर्ग पिता, पत्नी और बच्चों से आंखें नहीं मिला पा रहा था। उनके पिता मुझसे लिपटकर रोने लगे। पता नहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को रोज बिहार में हो रहीं इतनी हत्याओं के बावजूद नींद कैसे आती है? मुख्यमंत्री इन घटनाओं पर संवेदना के दो शब्द भी व्यक्त नहीं करते। तेजस्वी ने कहा कि बिहार में प्रतिदिन महिलाओं और बच्चियों की अस्मत लूटी जा रही है और सरकार के मुखिया पल्ला झाड़ने के अलावा कुछ नहीं कर रहे हैं। क्या बिहार में सब अपराध भाजपा की शह पर हो रहा है? भाजपा दो-दो उपमुख्यमंत्रियों के साथ सरकार में क्या कर रही है?

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