नीतीश के मंत्रियों का तेजस्वी पर चौतरफा हमला

नीतीश के मंत्रियों का तेजस्वी पर चौतरफा हमला

Patna:भ्रष्टाचार के राजकुमार में अभी भी अकड़ कायम है. भ्रष्टाचार के दाग लगा कर पटियाला कोर्ट में दण्डवत होने के बावजूद वो अपनी अकड़ पर कायम हैं. राजद के राजनीतिक बारात वाले मंडप में अपराधी, बलात्कारी ही सहबाला रहे हैं और आप बात करते हैं अपराध की. ये आरोप लगाकर बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर हमला बोला है बिहार सरकार के मंत्री नीरज कुमार ने.

दरअसल तेजस्वी यादव गोपालगंज में हुए तिहरे हत्याकांड मामले में सक्रियता के बाद सत्ताधारी दल के नेताओं के निशाने पर आ गए हैं. एक तरफ़ तेजस्वी यादव नीतीश कुमार पर हमला बोल रहे हैं तो दूसरी तरफ़ जेडीयू के मंत्रियों ने तेजस्वी खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. मंत्री अशोक चौधरी ने तेजस्वी पर हमला बोलते हुए कहा कि अपराधी कोई हो सरकार कार्रवाई कर रही है लेकिन जिस तरह से तेजस्वी यादव गोपालगंज की घटना पर सक्रिय हुए हैं उससे साफ है की उनकी सक्रियता की बेचैनी क्यों है. जिस समाज को लेकर वो बेचैनी दिखा रहे हैं वो समाज लोकसभा में किसके साथ गया था ये सब लोग जानते हैं.

इसी मामले में हथुआ के जेडीयू विधायक और समाज कल्याण मंत्री रामसेवक सिंह कहते हैं कि तेजस्वी यादव शुद्ध रूप से राजनीति कर रहे हैं. आरोपी जो भी हैं गोपालगंज की घटना में उसे गिरफ्तार किया जा रहा है. किन्हीं को छोड़ा नहीं जाएगा लेकिन तेजस्वी यादव तब क्यों नहीं सवाल उठाए जब गोपालगंज में उनके जाति के अलावे दूसरे जाति के लोगों की हत्या हुई थी. अपनी जाति का वोट भी ना छिटक जाए इसी बेचैनी की वजह से तेजस्वी गोपालगंज मामले में सक्रिय हैं.

सत्ताधारी दल के नेता तेजस्वी पर आरोप लगाते हुए उनके माता-पिता के शासन काल को याद दिला कोर्ट के उस वक्तव्य को भी जारी कर रहे है जो कभी कोर्ट ने लालू राज को लेकर बोला था. मंत्री नीरज कुमार आरोप लगाते हैं कि जब बिहार में लगातार हत्याएं हो रही थीं, लॉ एंड ऑर्डर खराब हो गए थे तब पटना हाईकोर्ट ने तत्कालीन सरकार पर गम्भीर टिप्पणी की थी. 5-8-1997 को पटना उच्च न्यायालय की टिप्पणी थी —No Government worth the name is existing in the State. The State Government is not in a position to do its duty and people are forced to live in the jungle raj .

बिहार के वरिष्ठ पत्रकार अरुण पांडे कहते हैं कि तेजस्वी यादव के गोपालगंज में अति सक्रियता की वजह साफ है. तेजस्वी यादव अपने बेस वोट बैंक एम वाई समीकरण को साधना चाहते हैं. तभी तो NRC के मुद्दे पर उन्होंने मुस्लिम बहुल इलाक़े में दौरा कर मुस्लिम वोट बैंक को मैसेज देने की कोशिश थी लेकिन बाद में नीतीश ने विधान सभा में प्रस्ताव पारित कर तेजस्वी के मंसूबे पर पानी फेर दिया था. अब तेजस्वी गोपालगंज में तीन यादवों की हत्या पर अगर मुखर नहीं होते हैं तो यादव वोट बैंक पर असर पड़ सकता है जिस पर बीजेपी नज़र गड़ाए हुए है.

राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी सत्ताधारी दल पर हमला बोलते हुए कहते हैं कि तेजस्वी यादव पर जाति की राजनीति का आरोप गलत है. गोपालगंज में सरकार पर गम्भीर सवाल खड़े हुए हैं और तेजस्वी सक्रिय हुए तो सत्ताधारी दल में बेचैनी बढ़ गई है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *