Patna: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब कुशल श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए रोजगार सृजन योजना शुरू करने जा रहे है. कुशल श्रमिक समूहों को इसके योजना के तहत भवन और कार्यशील पूंजी के लिए राज्य सरकार 10 लाख तक की राशि उपलब्ध कराएगी. जहां हर एक समूह में कम से कम 10 कुशल श्रमिक शामिल होंगे.
मिली जानकारी के अनुसार राज्य के सभी जिलों में ऐसे दो-दो सामान्य सुविधा केंद्र स्थापित किए जाएंगे. तो वहीं जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में योजना की स्वीकृति, संचालन और पर्यवेक्षण समिति बनाई जाएंगी. समिति में जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक सदस्य सचिव, जिला योजना पदाधिकारी, जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक, एमएसएमई विकास संस्थान और श्रमाधीक्षक सदस्य होंगे. उद्योग मंत्री श्याम रजक ने इस संबंध में सभी जिला महाप्रबंधकों को समूह की दक्षता को देखते हुए उद्योग चयन में मदद करने के निर्देश दिए हैं. आपको बताते चले कि विभाग ने पहले मुख्यमंत्री क्लस्टर विकास योजना शुरू की थी. इसके तहत हर जिले में दो या उससे अधिक क्लस्टर बनाए जाने थे. अब इस योजना को बदलकर मुख्यमंत्री कामगार उद्यमी सह रोजगार सृजन योजना कर दिया गया है.
साथ ही आपको बता दें कि यह योजना कुशल श्रमिकों के एक स्वयं सहायता समूह के रूप में होगी, जिसमें हर समूह में कम से कम 10 लोग शामिल होंगे. यह वे लोग होंगे जो एक ही तरह के उत्पादन या दूसरे काम से जुड़े होंगे. इसमें उन्हीं श्रमिकों को शामिल किया जाएगा जिन्हें किसी कार्य विशेष का प्रशिक्षण प्राप्त हो या उस काम को करने का कम से कम एक साल का अनुभव हो. भविष्य में विभाग ऐसे समूहों को किसी पीएसयू कंपनी या एंकर उद्यमी से जोड़ने की कोशिश करेगा, ताकि उनको दीर्घकालीन सहायता प्रदान की जा सके. उद्योग मंत्री ने सभी महाप्रबंधकों को निर्देश दिए हैं कि विस्तृत कार्ययोजना प्रतिवेदन तैयार करें. उसमें भवन या शेड का सुदृढ़ीकरण, मशीनरी एवं कार्यशील पूंजी का पूरा विवरण शामिल होगा. हर जिले में ऐसे दो-दो केंद्र स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं. इसके लिए चार करोड़ का बजट भी उपलब्ध करा दिया गया है. हालांकि जिलों को यह राशि किश्तों में भेजी जाएगी.