Desk: बिहार सरकार गेहूं की सरकारी खरीद का लक्ष्य बढ़ाने जा रही है। सरकार का नया लक्ष्य सात लाख टन गेहूं खरीदने का होगा। पहले मात्र एक लाख खरीद का लक्ष्य था। अब तक यह सबसे बड़ा लक्ष्य होगा।
सहकारिता सचिव वंदना प्रेयसी ने सोमवार को खरीद की समीक्षा की और अधिकारियों को संशोधित लक्ष्य के अनुसार खरीद करने का निर्देश दिया। साथ ही, कहा कि एक भी किसान क्रय केन्द्र से लौटना नहीं चाहिए। जो भी गेहूं बेचना चाहे, उससे खरीद की जाए। नये लक्ष्य के लिए राज्य सहकारी बैंक के माध्यम से जरूरी पैसे की व्यवस्था कर ली गई है।
उधर समितियों ने गेहूं की सरकारी खरीद शुरू कर दी है। समीक्षा के बाद विभाग ने जानकारी दी की अब तक 50 सहकारी समितियों ने खरीद शुरू की है। इन समितियों ने 90 किसानों से 566 टन गेहूं की खरीद की है। विभाग ने दावा किया है कि मंगलवार तक सभी जिलों द्वारा गेहूं खरीद शुरू कर दी जाएगी।
बता दें कि ‘हिन्दुस्तान’ ने खरीद का लक्ष्य कम होने के कारण किसानों की परेशानी के बारे में खबर प्रमुखता से छापा था। सोमवार की समीक्षा बैठक में भी जिलों के अधिकारियों ने भी ‘हिन्दुस्तान’ की खबर पर मुहर लगाई। सबने लक्ष्य बढ़ाने पर जोर दिया। जिला सहकारिता पदाधिकारियों ने बैठक में बात उठाई कि गेहूं खरीद के लिए जिलों को दिया गया लक्ष्य वास्तविक उत्पादन की तुलना में काफी कम है। परिणामस्वरूप किसानों में असंतोष है।
अधिकारियों ने बताया की गेहूं की बाजार दर अब भी न्यूनतम समर्थन मूल्य से काफ़ी कम है। लिहाजा सबने आग्रह किया कि गेहूं खरीद के लक्ष्य को बढ़ाया जाये जिससे किसानों को लाभ प्राप्त हो सके। सचिव ने उन्हें बताया कि जिलों को दिया गया लक्ष्य सांकेतिक है। सभी जिला सहकारिता पदाधिकारी सुनिश्चित करें अधिकाधिक मात्रा में गेहूं की अधिप्राप्ति की जाय।