बिहार के 16 जिलों के 2000 बूथों पर कमर तक भरा हैं पानी, क्या पानी में तैरकर वोट देने जाएगी जनता ?

बिहार के 16 जिलों के 2000 बूथों पर कमर तक भरा हैं पानी, क्या पानी में तैरकर वोट देने जाएगी जनता ?

Patna: बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीख घोषित हो चुकी है. जहां बूथों की संख्या भी तय हो चुकि है. इस बार राज्य में कोरोना के कारण बूथों की संख्या में 62.96% की वृद्धि की गई है. एक तरफ जहां 2015 में 65,367 बूथ थे वो अब बढ़कर 1,06,526 हो गई है. चुनाव आयोग ने कोरोना और बाढ़ को देखते हुए भले ही 10 जिलों में दो दिन या दो फेज में चुनाव कराने का निर्णय लिया हो लेकिन इनमें बाढ़ की चपेट में आए जिले को लेकर कोई खास तैयारी नहीं की हैं.

आपको बता दें कि हालत कुछ ऐसे है कि बिहार में 5 जिलों के 2000 से अधिक बूथों पर आज भी कमर तक पानी है. इस बार 1000 मतदाता पर बूथ बने हैं यानी समस्या 20 लाख वोटरों की है. दूसरे व तीसरे फेज (3 व 7 नवंबर) में बाढ़ग्रस्त जिलों में मतदान है. ऐसे में अगर बूथों पर जमा पानी तीस दिन की अवधि में निकल भी गया तो कीचड़-कादो से निबटना जिला प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती होगी क्योंकि 20 जुलाई के बाद आई बाढ़ के बाद से ही यहां पानी ठहरा हुआ है.

बाढ़ प्रभावित 16 जिलों में 7 सीतामढ़ी,दरभंगा, मुजफ्फरपुर,पूर्वी व पश्चिमी चंपारण,समस्तीपुर,मधुबनी में दो फेज (दूसरे व तीसरे) में चुनाव होगा. शेष 9 जिलों में से शिवहर, ,गोपालगंज,खगड़िया, सारण व सिवान में दूसरे चरण में एक ही दिन और सुपौल, किशनगंज,,मधेपुरा और सहरसा में तीसरे चरण में एक दिन में चुनाव होगा.

अररिया यहां भी कई बूथों पर जलजमाव की स्थिति
जिले में 7 नवंबर को मतदान होगा. तीन प्रखंडों सिकटी, पलासी, जोकीहाट के 70% बूथ अभी पानी से घिरे हैं. अररिया और फारबिसगंज के 20% बूथों पर पानी है. जिले के 200-250 बूथ आज भी पानी से घिरे हैं. पूर्णिया : महानंदा, कनकई और परमान में उफान से बायसी, बैसा और अमौर में जलजमाव की समस्या बनी हुई है.

सहरसा 211 बूथ कोसी तटबंध के अंदर हैं
इस जिले के 211 बूथ बाढ़ प्रभावित कोसी तटबंध के अंदर हैं. जिलाधिकारी कौशल कुमार ने बताया कि मतदान 7 नवंबर हो है. तब तक पानी उतर जाएगा लेकिन तटबंध के भीतर 70 ऐसे बूथ होंगे जहां पहुंचने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ेगा. मधेपुरा : जिले के 13 प्रखंडों में 2 बाढ़ग्रस्त हैं. चौसा के 9 बूथ और आलमनगर के 14 बूथ पानी से घिरे हैं.

खगड़िया जिले के तीन प्रखंडों के 84 मतदान केंद्र बाढ़ से प्रभावित हैं

जिले के तीन प्रखंडों के 84 मतदान केंद्र बाढ़ प्रभावित हैं. बकौल डीएम आलोक रंजन घोष अलौली में 27, बेलदौर में 53 और खगड़िया विधानसभा क्षेत्र के 4 बूथ पानी से घिरे हैं. यहां वोटरों को लाने और ले जाने की व्यवस्था प्रशासन की ओर से सुनिश्चित की गई है. समय के हिसाब से पानी उतर सकता है. लेकिन अभी नदियों के जलस्तर में उतार चढ़ाव जारी है.

छपरा मकेर प्रखंड में दोबारा बाढ़ की नौबत
छपरा जिले के पानापुर, तरैया, मशरक, अमनौर और मकेर प्रखंड में दोबारा बाढ़ की नौबत आ गई है. यह एरिया तरैया व अमनौर विस क्षेत्र में आता है. यहां के करीब 12 बूथों में पानी घुस गया है. करीब सवा लाख मतदाता बाढ़ से घिरे है. तरैया विधानसभा के पानापुर प्रखंड का उत्क्रमित मध्य विद्यालय बगडीहा तो तीसरी बार बाढ़ के पानी में डूब गया है.

लखीसराय यहां 55 बूथ बाढ़ग्रस्त हैं
इस जिले के 55 बूथ बाढ़ग्रस्त हैं. पिपरिया प्रखंड के 37, सूर्यगढ़ा के 10 और लखीसराय टाल क्षेत्र के 8 बूथ आज भी डूब क्षेत्र में हैं. कीचड़ और जलजमाव है. यहां वोट पहले चरण में पड़ेंगे. प्रशासन का दावा है कि मतदान के दिन तक सब ठीक हो जाएगा. तब तक पानी भी उतर जाएगा. तैयारी पूरी कर ली जाएगी.

3 दर्जन से अधिक बूथ पानी से घिरे हैं
बागमती और गंडक में ऊफान से औराई एवं साहेबगंज विधानसभा क्षेत्र के करीब 3 दर्जन से अधिक मतदान केंद्र बाढ़ के पानी में घिर गए हैं. औराई विधानसभा क्षेत्र के 12 मतदान भवन में स्थित दो दर्जन बूथ बाढ़ के पानी में डूबे हैं. इसमें कटरा के 7 मतदान भवन के 15 बूथ और औराई के पांच मतदान भवन के 9 बूथ बाढ़ के पानी से घिरे हैं. साहेबगंज विस के भी 15 मतदान केंद्र बाढ़ के पानी से घिरे हैं. उप निर्वाचन पदाधिकारी संजय मिश्र का कहना है, चुनाव तब तक पानी उतर जाएगा.

इन जिलों में भी बूथ पानी से घिरे हैं
कटिहार : इस जिले के 1320 बूथ बाढ़ प्रभावित हैं. कटिहार विधानसभा क्षेत्र में 50, कदवा के करीब 370, बलरामपुर के 200, प्राणपुर के 10, मनिहारी के 230, बरारी के 210 और कोढ़ा के 250 बूथों पर अभी भी पानी गहरा है.
दरभंगा: जिले में 47 बूथ बाढ प्रभावित हैं . यह जानकारी जिला उप निर्वाचन पदाधिकारी पुष्कर कुमार ने दी. उन्होंने बताया कि इसमें से अधिकांश बूथ गौडाबौराम एवं कुशेश्वरस्थान विधान सभा क्षेत्र के हैं. हनुमाननगर प्रखंड क्षेत्र के 13 बूथ बाढ प्रभावित हैं.

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