VC से सुनवाई के दौरान बना हास्यास्पद माहौल; कपड़े बदलते दिखे वकील साहब, किन्नर बोले- यह घर है कोर्ट नहीं

VC से सुनवाई के दौरान बना हास्यास्पद माहौल; कपड़े बदलते दिखे वकील साहब, किन्नर बोले- यह घर है कोर्ट नहीं

Patna: जब से पटना हाईकोर्ट में जब से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई चल रही है, तब से तरह-तरह के तमाशे देखने को मिल रहे हैं . वकील साहब लिंक से जुड़ जाते हैं और उन्हें इस बात का पता नहीं चल पाता . हद तो तब होती है जब जज साहब मुकदमे की सुनवाई के लिए तैयार बैठे हों, सारे वकील, कोर्ट ऑफिसर और मामले से संबंधित सारे लोग टकटकी लगाए बैठे हों . कुछ को यह लगता है कि उन्हें कोई नहीं देख रहा है . जबकि, अनजाने में वकील साहब के मोबाइल का कैमरा ऑन रह जाता है .

वकील साहब अपना यूनीफॉर्म बदलते दिखे

यह हास्यास्पद घटना मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय खंडपीठ की है . मुख्य न्यायाधीश संजय करोल एवं न्यायाधीश संजय कुमार सुनवाई के लिए तैयार होकर अपनी अपनी कुर्सी पर बैठने ही वाले थे . दूसरी तरफ इस खंडपीठ से जुड़े दर्जनों वकील वीडियो से जुड़ चुके थे . न्यायाधीशों के बैठने से ठीक 5 मिनट पहले एक ऐसे वकील साहब जुड़ गए . उन्हें देख कर हर लोग हैरान रह गए . वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जुड़े एक वकील साहब अपने यूनीफॉर्म में आने के लिए कपड़े बदल रहे थे . कपड़े को बदलते वे जांघिया और बनियान में दिख रहे थे . उस वकील साहब को एहसास ही नहीं था कि वह वीडियो से जुड़ चुके हैं .

आवाज लगाने के बावजूद नहीं सुन पाए वकील साहब

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जुड़े सारे महिला और पुरुष वकील इन्हें देख रहे थे . तभी कोर्ट ऑफिसर और वकीलों ने उन्हें रोकने का प्रयास किया। लेकिन उन्हें इस बात की जरा भी भनक नहीं लगी कि उन्हें सब कोई देख रहे हैं . एक साथ कई वकीलों की आवाज लगाई लेकिन सुन नहीं पा रहे थे . इस हास्यास्पद घटना की खास बात यह रही कि उस समय तक मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ बैठी नहीं थी .

जब किन्नर बोल पड़े, मुर्ख मत बनाओ यह घर है कोर्ट नहीं

.0:30 बजने को था। मामले से संबंधित सारे वकील और स्टाफ वीडियो खोल कर चुपचाप जज साहब का इंतजार कर रहे थे . यह अदालत न्यायाधीश चक्रधारी शरण सिंह की थी . बेल के मामले पर सुनवाई शुरू होने वाली थी . तभी एक वकील साहब जैसे ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जुड़े उनके घर से तेज आवाज आने लगी, “पैसे दे दो पैसे दे दो बच्चे का मुंह दिखाओ आशीर्वाद दिलाओ और नाच कराओ।” ढोल बजाकर किन्नरों ने बड़ी विकट समस्या उत्पन्न कर दी थी। जबकि, वकील साहब बार-बार बोल रहे थे कि कोर्ट चल रहा है, जल्दी से भागो. उधर किन्नर कह रहे थे मूर्ख मत बनाओ, यह घर है कोर्ट नहीं I

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